ये हैरानगी की बात तो कतई नहीं है. अब ब्रिटेन को ही लीजिए. वहां के मेंटल हेल्थ फ़ांउडेशन के अनुसार ब्रिटेन के तीस प्रतिशत लोग नींद से संबंधित किसी न किसी बीमारी के शिकार हैं.
आप सोच रहे होंगे कि आख़िर लोग नींद में कौन-सी अजोबीगरीब हरकतें करते हैं.
एसएमएस
ब्रिटेन के एक अस्पताल में काम करने वाली डॉक्टर क्रिस्टी एंडरसन कहती हैं कि कई लोग नींद में एसएमएस करने के आदी हो गए हैं. एक अनुमान के अनुसार ब्रिटेन में 92 फ़ीसदी लोगों के पास मोबाइल फोन है और इनमें से अधिकांश अपने फोन के साथ ही बिस्तर में जा रहे हैं.
डॉक्टर एंडरसन के अनुसार, “ये आम बात है कि जो काम लोग जागते वक्त करते हैं वही वो सपनों के दौरान भी करते हैं. ”
और चूँकि मोबाइल आने के बाद एसएमएस का चलन भी बढ़ा है तो ज़ाहिर उनका दखल सपनों में होगा.
भई आपका फ़ोन भी तो तकिए के पास ही होता होगा. क्या आपने कभी ऐसा किया है?
भोजन
कुछ लोग सुबह उठकर अपने किचन को काफ़ी अस्त-व्यस्त पाते हैं. नींद में चलने वाले ये लोग हैरान होते होंगे लेकिन ये तो उन्हीं का करा-धरा होता है.
नींद में चलकर रसोई घर तक पहुंचने में कुछ मुँह में डाल लेना एक बड़ी समस्या नहीं है. इसे डॉक्टर नॉक्टर्नल ईटिंग सिंड्रोम कहते है.
ज्यादा मुश्किल मामलों में, कुछ लोग खाना तक बना लेते हैं. ऐसे मामले में वे नींद से जगे होते हैं लेकिन उन्हें ये याद नहीं होता कि वे क्या कर चुके हैं.
नींद में चलने की बीमारी के बारे में जानकारी बढ़ने के साथ ऐसे लोग भी क्लीनिक का दरवाज़ा खटखटाने लगे हैं.
सेक्स
सेक्सोमेनिया एक ऐसी बीमारी है जिसमें लोग नींद में संभोग करते हैं. इसके बारे में मालूमात हाल ही में हासिल हुई हैं.
इसके मामले तब सामने आते हैं जब लोग बहुत ज़्यादा तनाव में होते हैं या फिर शराब और ड्रग्स का सेवन कर चुके हों. इसमें कई बार लोग नींद में ही पूरा संभोग कर लेते हैं.
एडिनबरा स्लीप क्लिनिक के डॉक्टर क्रिस इडज़ीकोव्सकी कहते हैं कि कई बार नींद के दौरान सेक्स काफ़ी हिंसक भी हो सकता है.
डॉक्टर क्रिस इडज़ीकोव्सकी के अनुसार, “ऐसा व्यवहार होते वक्त दिमाग का वो हिस्सा सो रहा होता है जो सोचने और सजग रहने के लिए ज़िम्मेदार होता है. सिर्फ़ इच्छाओं वाला हिस्सा ही जागता रहता है.”
सांस बंद
नींद में सांस लेना बंद करने की बीमारी को ऑब्सट्रक्टिव एपनोआ कहते हैं.
कितनी नींद है ज़रूरी
- इंसान- 5 से 11 घंटे
- अजगर- 18 घंटे
- बिल्ली- 12.1 घंटे
- भेंड- 3.8 घंटे
- जिराफ़- 1.9 घंटे
जानकार कहते हैं कि इस मर्ज का संबंध मोटापे से है.
इस हालात में लोग ज़ोर-ज़ोर से खर्राटे भी मारते हैं.
बीबीसी के एक कार्यक्रम के लिए टेस्ट का हिस्सा बने पॉल एस्बुरी कहते हैं कि वो कभी-कभी नींद में 26 सैंकड तक सांस लेना बंद कर देते हैं.
पॉल एस्बुरी ने कहा, “जब मुझे ये बताया गया तो मैं डर गया. मुझे तो लगा कि मुझे सिर्फ़ खर्राटे मारने की आदत है लेकिन जाहिर है कि हालात काफ़ी गंभीर हैं.”
पैरासोमनिया
नींद के दौरान कुछ लोगों को धमाके और तेज़ रोशनी भी दिखाई देती है
नींद के दौरान इस तरह के विकारों को पैरासोमनिया कहते हैं. इसमें सोने के दौरान आंखों के खुले रहने से लेकर नींद में कार चलाने तक जैसी चीज़ें शामिल हैं. ब्रितानी डॉक्टर एंडरसन के पास वैसे लोग भी आए हैं जो नींद के दौरान ही अपने दादा के हाथों से सावधानीपूर्वक घड़ी तक उतार लेते हैं.
इसके अलावा नींद से जुड़ी एक और समस्या से पीड़ित लोगों की संख्या बढ़ी है. आप गहरी नींद में होते हैं और अचानक आपको लगता है कि आपके दिमाग में जोरदार धमाका हुआ है और आप अचानक से उठ जाते हैं. इसे हेड सिंड्रोम कहा जाता है.
इससे पीड़ित लोगों को ऐसा लगता है कि पास में कोई बड़ा धमाका हुआ है, या फिर जोरदार बिजली गरजी है या फिर किसी ने फ़ायरिंग की है. इसमें कोई दर्द तो नहीं होता लेकिन इससे लोग व्यथित हो जाते हैं. अमूमन लोग भागकर खिड़की तक पहुंच कर झांक कर देखते हैं कि धमाका कहां हुआ या आवाज़ क्यों आयी.
ऐसा क्यों होता है और उस वक्त हमारे दिमाग में क्या कुछ चल रहा होता है, इसके बारे में रहस्य बना हुआ है. इस पहलू पर ज़्यादा शोध अध्ययन नहीं हुए हैं. इसकी अहम वजह तो यही है कि इसको लेकर आंकड़ों को एकत्रित करना एक मुश्किल काम रहा है.
वैसे क्या आपने कभी नींद के दौरान कुछ अजीब हरकत की है?
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