नई दिल्ली (एएनआई)। मशहूर सिंगर और संगीतकार कृष्णकुमार कुन्नाथ, जिन्हें केके के नाम से जाना जाता था। उनका 31 मई को 53 वर्ष की आयु में निधन हो गया। केके की फैन फालोइंग काफी लंबी थी। 90 के दशक में जन्में लोगों के लिए केके किसी आइडल से कम नहीं थे। उनके गानों को सुनकर फैंस ख्वाबों में खो जाते थे। मलयाली परिवार में जन्में केके ने कभी संगीत में कोई क्लाॅस नहीं ली थी। फिर भी उन्होंने हिंदी, तमिल, तेलुगु, कन्नड़, मराठी, बंगाली और गुजराती जैसी भाषाओं में गाने गाए।
होटल इंडस्ट्री में की थी पहली जाॅब
23 अगस्त, 1968 को नई दिल्ली में सी एस मेनन और कुनाथ कनकवल्ली के घर जन्में केके ने दिल्ली के माउंट सेंट मैरी स्कूल से पढ़ाई की। अपने कॉलेज के बाद, केके ने कथित तौर पर होटल इंडस्ट्री में एक मार्केटिंग एसोसिएट के रूप में काम किया, जिसके बाद वह म्यूजिक में अपना करियर बनाने के लिए मुंबई चले गए। वह गायक किशोर कुमार और संगीत निर्देशक आरडी बर्मन से बहुत प्रभावित थे। माइकल जैक्सन, बिली जोएल, ब्रायन एडम्स और लेड जेपेलिन भी उनके कुछ पसंदीदा अंतरराष्ट्रीय गायक और बैंड थे।
तड़प-तड़प गाने के साथ बाॅलीवुड में इंट्री
1994 में, उन्होंने एक मौका लिया और लुई बैंक्स, रंजीत बरोट और लेस्ली लुईस को एक डेमो टेप दिया। अगले कुछ सालों में कई जिंगल पर काम करने के बाद, उन्हें ए आर रहमान के हिट गाने 'कल्लूरी साले' और 'हैलो डॉ' के साथ एक प्लेबैक सिंगर के रूप में पेश किया गया। अंत में, 1999 में, उन्होंने 'हम दिल दे चुके सनम' से 'तड़प तड़प' गाने के साथ बॉलीवुड में अपनी शुरुआत की। हालांकि इससे पहले उन्होंने गुलजार की 'माचिस' के गाने 'छोड़ आए हम' का एक छोटा सा हिस्सा गाया था।
'पल' एल्बम से बनाई पहचान
उसी वर्ष, उन्होंने अपना पहला एल्बम 'पल' शीर्षक से जारी किया, जिसमें लेस्ली लुईस ने संगीत दिया था। 90 के दशक का हर बच्चा केके को एल्बम के टाइटल ट्रैक 'पल' और 'यारों' के लिए हमेशा याद रखेगा। उनकी आवाज ने श्रोताओं के साथ एक ऐसा जुड़ाव पैदा कर दिया, जिससे उन्हें और अधिक की चाहत हो गई और ऐसा भावनात्मक जुड़ाव था कि आज भी ये गाने स्कूल और ऑफिस की विदाई में बजाए जाते हैं।
फिल्मों में दिए सुपरहिट गाने
केके 1999 क्रिकेट विश्व कप के दौरान भारतीय क्रिकेट टीम के समर्थन के लिए 'भारत के जोश' गीत में भी दिखाई दिए। उन्होंने अगली बार फिल्म 'हेरा फेरी' के लिए 'जब भी कोई हसीना' गाया और 2001 तक, केके ने फिल्म 'फर्ज' के लिए 'झनक झनक बाजे', 'ये तेरा घर ये मेरा घर' के लिए 'मिल जाए खजाना' जैसे गाने गाए। अगले साल उन्होंने फिल्म 'देवदास' के लिए 'डोला रे डोला' और 'मार डाला' और अब्बास मस्तान की 'हमराज' के लिए 'बरदाश्त' गाया।
इंटरनेशनल एल्बम में भी दी परफाॅर्मेंस
अगले कुछ वर्षों में, वह कई फिल्मों में हिट बॉलीवुड नंबर देते रहे और आखिरकार वर्ष 2008 में, केके ने अपना दूसरा एल्बम 'हमसफ़र' रिलीज़ किया, जिसमें 'रैना भाई कारी' गीत रॉक के साथ बंगाली बाउल का मिश्रण था। इसके अलावा, केके ने एक अंग्रेजी रॉक बैलाड 'सिनेरिया' भी गाया था। वर्ष 2010 में उन्होंने फिल्म 'काइट्स' के लिए 'जिंदगी दो पल की' और 'दिल क्यूं ये मेरा' जैसे गाने गाए। 2013 में, केके ने एक अंतरराष्ट्रीय एल्बम, 'राइज अप - कलर्स ऑफ पीस' के लिए गाया, जिसमें तुर्की कवि फेतुल्लाह गुलेन द्वारा लिखे गए गीत शामिल थे और 12 देशों के कलाकारों द्वारा गाए गए थे। उन्होंने एल्बम के लिए 'रोज ऑफ माई हार्ट' नाम का एक गाना रिकॉर्ड किया।
700 से अधिक गाने गाए
अपने लगभग 3 दशक लंबे करियर के दौरान केके ने हिंदी में 500 से अधिक गाने और तेलुगु, बंगाली, कन्नड़ और मलयालम भाषाओं में 200 से अधिक गाने गाए। उन्हें सर्वश्रेष्ठ प्लेबैक सिंगर के लिए दो स्क्रीन अवार्ड- पुरुष (गैर-फिल्मी संगीत) और कई अन्य सहित कई सम्मान भी मिले थे। केके ने 1991 में अपनी बचपन की प्रेमिका ज्योति कृष्णा से शादी की थी और उनके दो बच्चे थे, नकुल और तामारा।
दिलों में जिंदा रहेगी आवाज
वह एक ऐसे संगीतकार थे जिन पर किसी विशेष शैली या शैली का लेबल नहीं लगाया गया था, उनकी आवाज केवल सभी प्रकार के अद्भुत संगीत के साथ-साथ चलती थी। केके ने जोशीले डांस गाने के साथ-साथ रोमैंटिक हिट्स भी गाए, और इसी ने उन्हें हर उम्र का गायक बना दिया, जो दुनिया भर में उनके लाखों प्रशंसकों के दिलों में हमेशा अमर रहेगा।
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