इस मामले के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुर्ख़ियों में आने के बाद ज़िम्मेदार प्रशासनिक अधिकारीयों और संबंधित थाने के एसएचओ सहित मामले में शामिल दो सब इंस्पेक्टरों को निलंबित कर दिया गया है
इलाके के पुलिस अधीक्षक इरफान बलूच ने बीबीसी को बताया की मामले की जांच की जा रही है. बलूच का कहना है कि अगर और सबूत मिले तो इन अधिकारीयों के खिलाफ़ एफ़आईआर भी दर्ज की जा सकती है.
बलूच ने कहा कि अगर पुलिस अधिकारीयों ने वाकई नग्न परेड कराई तो तो इस मामले में उनके खिलाफ़ सख्त कार्रवाई की जा सकती है.
एसपी का दावा है कि जिस जगह पर पुलिस ने छापा मारा वहां "अश्लीलता का अड्डा" था और लोगों ने पुलिस को शिकायत की थी. उनके अनुसार पुलिस ने लोगों के साथ मिलकर मारे गए छापे के बाद उस आदमी और औरत को गिरफ़्तार किया जिनसे संबंधित ये पूरा मामला है.
कराची से बीबीसी संवाददाता रियाज़ मसरूर का कहना है कि पुलिस द्वारा दायर एफआईआर में कहा गया है कि वहां कोई नहीं था इसलिए पुलिस खुद शिकायतकर्ता और गवाह बनी.
इस घटना में पीड़ित मर्द मुमताज़ मीर महर का आरोप है कि पुलिस ने उनके द्वारा "मंथली" न देने पर यह कार्रवाई की लेकिन पुलिस इस आरोप से इनकार करती है.
इस बीच इस क्षेत्र से पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के सदस्य सिंध विधानसभा क्षेत्र के नईम खरल ने मीडिया को बताया कि उन्होंने संबंधित पुलिस एसपी को घटना की जांच के निर्देश दिए थे, लेकिन उन्हें अभी तक इसकी रिपोर्ट नहीं मिली है.
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