श्रावण माह को बहुत ही पवित्र माना जाता है, इस माह के सोमवार का विशेष महत्व है।ऐसा माना जाता है, समुद्र मंथन के समय भी श्रावण माह था,समुद्र से निकलने वाले भयंकर विष "कालकूट" के कारण संपूर्ण वातावरण विषैला होने लगा,कोई भी इस विष से मुक्ति नही दिला पा रहा था, तब भगवान शंकर ने लोगों के कल्याण के लिए विष अपने कंठ में रोक लिया।यही कारण है कि भगवान शंकर जी को नीलकंठ महादेव के नाम से भी जाना जाता है, कंठ में विष रोकने के कारण भगवान शंकर अति व्याकुलता में आ गए, उनकी व्याकुलता को समाप्त करने के लिए देवताओं द्वारा उन पर शीतल जल की धारा छोड़ने पर भी उनकी व्याकुलता समाप्त नहीं हुई,तब चंद्र देव ने स्वयं को डरते डरते उनके मस्तक पर धारण करने का निवेदन किया।
शिव के साथ चंद्रदेव का भी आशिर्वाद पाएं
भगवान शंकर ने जैसे ही चंद्रदेव को अपने शीश पर धारण किया,उन्हें चंद्रदेव की शीतलता के प्रभाव से ही पूर्ण आनंद की प्राप्ति हुई। इससे प्रसन्न होकर भगवान शंकर ने चंद्रमा को वरदान दिया जो भी मनुष्य सोमवार विशेषकर श्रावण मास के सोमवार को नित्य जल मुझे अर्पण करेगा। उसे मेरी कृपा अनुकम्पा के साथ चंद्रदेव की भी अनुकम्पा प्राप्त होगी।अतः श्रावण मास में सोमवार को 12 बेल पत्र पर सफेद चन्दन से प्रत्येक ज्योतिर्लिंग का नाम लिख कर प्रत्येक ज्योतिर्लिंग का उच्चारण के साथ किसी भी शिवलिंग पर जल के साथ अर्पित करने पर वही फल प्राप्त होगा जो द्वादश ज्योतिर्लिंगों पर जल अर्पण करने से प्राप्त होता है।ज्योतिर्लिंग का नाम व मंत्र इस प्रकार से हैं-
सावन : पहला सोमवार आज, सज-धजकर तैयार शिवालय
1.श्री सोमनाथ ज्योतिर्लिंग।
मंत्र:-ॐ सोमनाथाय ज्योतिर्लिंगाये नमः।
2.श्री घुश्मेश्वर ज्योतिर्लिंग।
मंत्र:-ॐ घुश्मेश्वराय ज्योतिर्लिंगाये नमः।
3 श्री मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग
मंत्र:-ॐ मल्लिकार्जुनाय ज्योतिर्लिंगाये नमः।
4.श्री केदारनाथ ज्योतिर्लिंग
मंत्र:-ॐ केदाराय ज्योतिर्लिंगाये नमः।
5.श्री त्रयम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग
मंत्र:-ॐ त्रियम्बकेश्वराय ज्योतिर्लिंगाये नमः।
6.श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग।
मंत्र:-ॐ महाकालाय ज्योतिर्लिंगाये नमः।
7.श्री ओंकारनाथ ज्योतिर्लिंग।
मंत्र:-ॐ ओम्कारेश्वराय ज्योतिर्लिंगाये नमः।
8.श्री बैधनाथ ज्योतिर्लिंग।
मंत्र:-ॐ बैधनाथाय ज्योतिर्लिंगाये नमः।
9.श्री भीमशंकर ज्योतिर्लिंग।
मंत्र:-ॐ भीमशंकराय ज्योतिर्लिंगाये नमः।
10.श्री रामेश्वर ज्योतिर्लिंग।
मंत्र:-ॐ रामेश्वराय ज्योतिर्लिंगाये नमः।
11.श्री विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग
मंत्र:-ॐ विश्वनाथाय ज्योतिर्लिंगाये नमः।
12. श्री नागेश्वर ज्योतिर्लिंग।
मंत्र:-ॐ नागेश्वराय ज्योतिर्लिंगाये नमः।
पूजा का समय-
प्रातः 5.40 से 7.20,9.20 से 10.45 अमृत,शुभ के चौघड़िया में।
अपराह्न 3.45 से सांय 7.15 तक लाभ,अमृत के चौघड़िया में।
ज्योतिषाचार्य पंडित राजीव शर्मा