चीन के लियाओनिंग प्रांत से निकलने वाले अख़बार 'बंडाओ मॉर्निंग न्यूज़' के अनुसार एक ट्रेवल एजेंसी ने अपने विज्ञापन में लिखा है कि उसे केवल "मिथुन, तुला और कुंभ राशि" वालों की ज़रूरत है.
अख़बार लिखता है कि शू जिंगपिन नाम के एक कॉलेज ग्रेजुएट ने सभी ज़रूरी योग्यताएं रखने के बावजूद यह अवसर सिर्फ इसलिए गंवा दिया क्योंकि उनके सितारे नियोक्ताओं की शर्त के मुताबिक़ नहीं थे.
हॉन्ग कॉन्ग के अखबार 'साउथ चीन मॉर्निंग पोस्ट' के ऐमी ली ने भी इस मामले को उठाया है. अखबार ने चेंगदू के एक स्टाफ़ के हवाले से कहा है कि वहां राशियों के आधार पर किसी की उम्मीदवारी पर विचार किया जाता है.
कानूनों का अभाव
उन्होंने कहा, "सिंह राशि वालों को गुस्सैल माना जाता है. इसके बावजूद हमारे कई साथी इसी राशि के हैं."
ली कहते हैं कि चीन में पश्चिमी ज्योतिषशास्त्र की लोकप्रियता भी काफ़ी बढ़ रही है. इंटरनेट पर कई ब्लॉगर्स हैं, जो इसके बारे में लिखते-पढ़ते हैं और उनके समर्थकों की संख्या भी अच्छी ख़ासी है.
वे एक वकील के हवाले से कहते हैं कि देश में इस तरह के भेदभाव को रोकने वाले क़ानूनों के अभाव में नौकरी के लिए आवेदन करने वालों के साथ होने वाला भेदभाव रोक पाना नामुमकिन है.
हॉन्गकॉन्ग में जनसंपर्क के पेश से जुड़े टेरेंस वॉन्ग कहते हैं कि उनके यहाँ नियोक्ता पश्चिमी राशि चिह्नों पर कम तवज्जो देते हैं लेकिन अक्सर वे गुपचुप तरीक़े से आवेदकों के चीनी राशिचिह्नों को ध्यान में रखते हुए उम्मीदवारी का फैसला करते हैं.
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