इसी सैन्य अड्डे में 2009 में हुई एक गोलीबारी में 13 सैनिकों की मौत हो गई थी और 32 अन्य घायल हो गए थे.
गोलीबारी की यह घटना सैन्य अड्डे में स्थित कर्नल आर डार्नल आर्मि मेडिकल सेंटर में हुई.
राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा है कि गोलीबारी की इस घटना से वो बहुत दुखी हैं. उन्होंने घटना की जांच के आदेश दिए हैं.
बंदूक़धारी पर संशय
घटनास्थल के पास स्थित बेलर स्कॉट एंड ह्वाइ अस्पताल के अधिकारियों ने संवाददाताओं को बताया कि उनके अस्पताल में बंदूक़ की गोली से घायल चार लोग लाए गए हैं और दो और आने वाले हैं.
"हम घटना पर क़रीबी नज़र रखे हुए हैं. मैंने सभी लोगों को यह आश्वस्त करना चाहता हूँ कि हम इस घटना की तह में जाएंगे"
-बराक ओबामा, राष्ट्रपति, अमरीका
अधिकारियों ने बताया कि इनमें से कुछ की हालत स्थिर तो कुछ की गंभीर है. इन लोगों के गले, सीने और पेट में गोली लगने के घाव हैं.
बुधवार सुबह जब गोलीबारी की ख़बर आई तो फ़ोर्ट हुड में लोगों को छुप जाने का आदेश दिया गया.
इसी सैन्य अड्डे में स्थित घुड़सवार दस्ते की ओर से ट्विटर पर भेजे गए संदेश में लोगों को घरों के दरवाज़ों को बंद कर लेने और खिड़कियों के पास न आने की सलाह दी गई.
फ़ोर्ट हुड के आपातकालीन सेवा निदेशालय ने अमरीकी मीडिया से कहा कि उसे अपुष्ट खबरें मिली हैं जिसमें कहा गया है कि बंदूक़धारी की मौत हो गई है.
कई अमरीकी मीडिया संस्थानों की बेवसाइट पर इस बंदूक़धारी की पहचान 34 साल के सैनिक इवान लोपेज़ के रूप में दी गई है. हालांकि इसकी अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.
भयानक त्रासदी
समाचार एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस ने दो अधिकारियों के हवाले से बंदूक़धारी हमलावर समेत चार लोगों के मरने की ख़बर दी है.
गोलीबारी की ख़बर आने के बाद अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने शिकागो में संवाददाताओं कहा, ''हम घटना पर क़रीबी नज़र रखे हुए हैं. मैंने सभी लोगों को यह आश्वस्त करना चाहता हूँ कि हम इस घटना की तह में जाएंगे.'' उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता की रक्षा के लिए फ़ोर्ट हुड ने बहुत त्याग किया है.
अमरीकी रक्षा मंत्री चुक हेगल ने गोलीबारी की इस घटना को भयानक त्रासदी बताया है.
फ़ोर्ट हुड में 2009 में हुई गोलीबारी के दोषी मेजर निदाल हसन को पिछले साल सितंबर में मौत की सज़ा सुनाई गई थी.
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