भारी कर्ज व गरीबी में नष्ट फसल का मुआवजा भी न मिलने से था परेशान

इंचौली : खून-पसीने से सींची फसल के बर्बाद होने के सदमे ने बुधवार को गांव कस्तला शमशेर नगर निवासी एक किसान की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई. बेहद गरीबी में जीवन यापन कर रहा किसान का परिवार पहले से ही कर्ज के बोझ में दबा है.

ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार गांव कस्तला शमशेर नगर निवासी 58 वर्षीय किसान ओमबीर की गांव में मात्र पांच बीघा खेती की जमीन है. जिसमें उसने गेहूं बो रखा था. इस बार किसानों पर पड़ी मौसम की मार से उसके खेतों में खड़ी पचास फीसदी से अधिक गेहूं की फसल नष्ट हो गई थी. पिछले दिनों जिला प्रशासन द्वारा गांव में कराए गए सर्वे में भी उसकी फसल को हुए नुकसान को देखते हुए संबंधित अधिकारी ने मुआवजे की संस्तुति सहित रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेज दी थी लेकिन, पीडि़त किसान को अभी तक मुआवजा नहीं मिला था.

बताया जाता है कि परिवार का खर्चा कैसे चलेगा इस बात से किसान कई दिनों से बेहद परेशान था. जिसके चलते बुधवार को सुबह हार्ट अटैक से उसकी मौत हो गई. ग्रामीणों ने प्रशासनिक अधिकारियों को सूचना देते हुए गांव में ही उसका अंतिम संस्कार कर दिया. मृत किसान के तीन पुत्र थे जिनमें से एक की तीन वर्ष पूर्व बीमारी के चलते मौत हो गई थी जबकि एक पुत्र विकलांग है. अब परिवार के गुजर बसर की पूरी जिम्मेदारी तीसरे पुत्र आ गई है. ग्रामीणों ने पीडि़त परिवार को आर्थिक मदद दिये जाने की मांग जिलाधिकारी से की है.