परभणी (महाराष्ट्र) (एएनआई)। Shirdi Sai Baba Birthplace Controversy शिरडी-पाथरी विवाद इन दिनों पूरे देश में चर्चा में है। ऐसे में आज बुधवार को परभणी जिले के पाथरी शहर के एक प्रतिनिधिमंडल ने मामले को लेकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मिलने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री से मिलने का फैसला मंगलवार को पाथरी में आयोजित ग्राम पंचायत, सांसदों और विधायकों की बैठक में लिया गया। परभणी के सांसद संजय जाधव ने कहा कि अभी तक किसी ने भी साई मंदिर पर ध्यान नहीं दिया था, लेकिन अब सीएम ने इसके लिए धन अावंटित करने का ऐलान किया है।
पथरी को लेकर शिरडी के लोग प्राॅब्लम क्यों कि्रएट कर रहे
संजय जाधव का कहना है कि उन्होंने कहा कि प्रतिनिधिमंडल इस मामले में बुधवार को मुख्यमंत्री से मिलेगा क्योंकि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के ऐलान के बाद शिरडी के लोग अब परेशान हैं। उन्हें लगता है कि पाथरी को साई बाबा की जन्मभूमि कैसे कहा जा रहा है। जबकि यह बात सिर्फ हम नहीं बल्कि आधिकारिक ताैर पर है कि पाथरी को साई बाबा की जन्मभूमि होने का दर्जा मिला है। शिरडी संस्थान की किताब में भी पाथरी का उल्लेख किया गया है। ऐसे में अब समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर शिरडी के लोग प्राॅब्लम क्यों कि्रएट कर रहे हैं।
शिरडी मंदिर देश के सबसे लोकप्रिय धार्मिक स्थलों में से एक
महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने हाल ही में धार्मिक पर्यटन के लिए परभणी जिले में पाथरी शहर को विकसित करने के लिए धन आवंटित करने का फैसला किया था। उन्होंने कहा था कि इसे बाबा का जन्मस्थान कहा जाता है। इसलिए इसका विकास बहुत जरूरी है। उनके इस ऐलान के बाद शिरडी के लोग परेशान हो गए थे और विरोध पर उतर आए थे। शिरडी मंदिर देश के सबसे लोकप्रिय धार्मिक स्थलों में से एक है। हर साल यहां लाखों भक्त आते हैं।अहमदनगर जिले का शिरडी और परभणी जिले का पथरी 281 किलोमीटर अलग हैं।
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