डाॅ. त्रिलोकीनाथ (ज्योतिषाचार्य और वास्तुविद)। Shardiya Navratri 2023 Day 6 Maa Katyayani Aarti-Bhog : नवरात्रि के नौ दिन भक्तजनों को प्रत्येक दिन की देवियों का आशीर्वाद उनके स्वरुपों के अनुसार मिलता रहता है। नौ देवियों में से कुछ देवियां शांत स्वभाव की है, कुछ उग्र स्वभाव की है, कुछ मिली-जुली स्वभाव की है, जो व्यक्ति जिस स्वभाव का है उसी के अनुसार नौ दुर्गा की पूजा करके उनका विशेष आशीर्वाद प्राप्त कर सकता है। इस क्रम में पहले दिन माता शैलपुत्रि, दूसरे दिन ब्रह्मचारिणी माता, तीसरे दिन चंद्रघंटा माता, चौथे दिन कूष्माण्डा माता, पांचवे दिन स्कंदमाता व छठवें दिन कात्यायनी माता की पूजा होती है। कात्यायनी माता की पूजा व साधना से साधकों के प्रत्येक कार्य पूर्ण होते है और इनकी विशेष कृपा भक्तों पर बनी रहती है। छठे नवरात्रि में शहद का भोग लगाने से आकर्षण शक्ति बढ़ती है।
कात्यायनीः-
चन्द्रहसोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहना।
कात्यायनी शुभं दद्याद्देवी दानवघातिनी
नवरात्रि की नौ देवियों की पूजा में छठे दिन की पूजा कात्यायनी देवी के रुप में होती है। कहा जाता है बैद्यनाथ नामक स्थान पर प्रकट होने के कारण इन्हें पूजा जाता है। भगवान कृष्ण को पति के रुप में पाने के लिए व्रज की गोपियों ने इसी देवी की पूजा की थी। इस देवी की पूजा कालिंदी यमुना के तट पर की गई थी इसीलिए इन्हें ब्रज मंडल की अधिष्ठात्री देवी के रुप में प्रतिष्ठित माना गया है। कात्य गोत्र में विश्व प्रसिद्ध महार्षि कात्यायन ने भगवती पाराम्बा की उपासना की थी, कठिन तपस्या के कारण उनकी इच्छाओं की पूर्ति हुई उनकी इच्छा थी कि उन्हें पुत्री प्राप्त हो माँ भगवती ने उनके घर पुत्री के रुप में जन्म लिया इसलिए इन्हें कात्यायनी देवी कहा जाता है। इनका वाहन सिंह है इनकी कृपा से भक्तजन के सारे कार्य पूरे हो जाते है, इसलिए इनकी उपासना नवरात्री के छठें दिन की जाती है।
माता कात्यायनी की आरती
जय जय अम्बे जय कात्यानी
जय जगमाता जग की महारानी
बैजनाथ स्थान तुम्हारा
वहा वरदाती नाम पुकारा
कई नाम है कई धाम है
यह स्थान भी तो सुखधाम है
हर मंदिर में ज्योत तुम्हारी
कही योगेश्वरी महिमा न्यारी
हर जगह उत्सव होते रहते
हर मंदिर में भगत है कहते
कत्यानी रक्षक काया की
ग्रंथि काटे मोह माया की
झूठे मोह से छुडाने वाली
अपना नाम जपाने वाली
ब्रेह्स्पतिवार को पूजा करिए
ध्यान कात्यानी का धरिये
हर संकट को दूर करेगी
भंडारे भरपूर करेगी
जो भी माँ को 'चमन' पुकारे
कात्यानी सब कष्ट निवारे