डाॅ. त्रिलोकीनाथ (ज्योतिषाचार्य और वास्तुविद)। Shardiya Navratri 2023 Day 5 Maa Skandmata Bhog And Aarti: नवरात्रि के दिनों में ऐसी मान्यता है देवियां शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, मां चन्द्रघंटा, कूष्माण्डा, स्कंदमाता, माता कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री धरती पर आती है अपने भक्तों को अपने आशीर्वाद से निर्भय एवं हर तरह से शक्ति संपन्न बनाती है। इसलिए नवरात्रिमें इन देवियों की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। नवरात्रि के पांचवें दिन मां स्कंदमाता की पूजा की जाती है। मां स्कंदमाता को केले का नैवेद्य चढ़ाने से शरीर स्वस्थ रहता है। इसके साथ ही मां अपने भक्त की हर मुराद को पूरा करती है।
स्कंद माताः-
सिंह्यसनगता नित्यं पद्माश्रितकरद्वया।
शुभदास्तु सद देवी स्कंदमाता यशस्विनी।।
नवरात्रि के पाचवें दिन इस देवी की पूजा की जाती है। स्कन्द कुमार कार्तिकेय जी की माता के कारण इन्हें स्कन्द माता के रुप में जाना जाता है। इनके स्वरुप में भगवान स्कन्द बालरुप में इनकी गोद में विराजमान रहते है। इनका स्वरुप शुभ्र वर्ण का है यह माता कमल के आसन पर विराजमान रहती है। इसलिए इन्हें पद्मासना माता भी कहा जाता है शेर इनका वाहन है इस देवी की चार भुजाएं है इनकी गोद में स्कन्द विराजमान है नीचे वाली भुजा में कमल का पुष्प है बाईं तरफ ऊपर वाली भुजा में वरद मुद्रा में है नीचे वाली भुजा में कमलपुष्प है इनकी पूजा या उपासना से भक्तजन की सम्पूर्ण इच्छा पूर्ण हो जाती है। और भक्तजन अपनी संपूर्ण मनोकामना की पूर्ति के लिए इनकी विशेष आराधना करता है।
स्कंदमाता की आरती
जय तेरी हो स्कंद माता
पांचवा नाम तुम्हारा आता
सब के मन की जानन हारी
जग जननी सब की महतारी
तेरी ज्योत जलाता रहू मै
हरदम तुम्हे ध्याता रहू मै
कई नामो से तुझे पुकारा
मुझे एक है तेरा सहारा
कही पहाड़ो पर है डेरा
कई शेहरो मै तेरा बसेरा
हर मंदिर मै तेरे नजारे
गुण गाये तेरे भगत प्यारे
भगति अपनी मुझे दिला दो
शक्ति मेरी बिगड़ी बना दो
इन्दर आदी देवता मिल सारे
करे पुकार तुम्हारे द्वारे
दुष्ट दत्य जब चढ़ कर आये
तुम ही खंडा हाथ उठाये
दासो को सदा बचाने आई
'चमन' की आस पुजाने आई