नई दिल्ली (एएनआई)। Sharda Sinha Death:'बिहार कोकिला' के नाम से मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा ने मंगलवार रात इस दुनिया को अलविदा कह दिया है। उन्होंने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स दिल्ली में अंतिम सांस ली। एम्स दिल्ली के एक अधिकारी ने बताया कि मंगलवार रात करीब 9.20 बजे शारदा सिन्हा का सेप्टीसीमिया के कारण 'रिफ्रैक्टरी शॉक' के चलते निधन हो गया। शारदा सिन्हा के निधन की खबर आते ही उनके चाहने वालों व शुभ चिंतकों में शोक की लहर दौड़ गयी। वहीं अपनी मां के निधन पर शोक जताते हुए, प्रसिद्ध गायिका शारदा सिन्हा के बेटे अंशुमान सिन्हा ने बुधवार को कहा कि यह परिवार और उनके प्रियजनों के लिए एक दुखद समय है क्योंकि उन्होंने छठ पूजा के पहले दिन ही अपनी अंतिम सांस ली। उन्होंने कहा कि वह हमेशा लोगों के दिलों में रहेंगी। इसके अलावा अंतिम संस्कार की जानकारी देते हुए सिन्हा ने कहा कि बुधवार सुबह उनका पार्थिव शरीर पटना ले जाया जाएगा क्योंकि हमने तय किया है कि मेरी मां का अंतिम संस्कार उसी स्थान पर होगा जहां मेरे पिता का अंतिम संस्कार हुआ था।
छठ पूजा के गीत उनके बिना अधूरे हैं
वहीं पीएम मोदी ने भोजपुरी और मैथिली लोक संगीत में शारदा सिन्हा योगदान को याद करते हुए कहा, "उनके मधुर गीतों की गूंज हमेशा बनी रहेगी।" उन्होंने आगे कहा कि उनका निधन संगीत जगत के लिए "अपूरणीय क्षति" है। भाजपा नेता और मशहूर गायक मनोज तिवारी ने भी इसे "व्यक्तिगत क्षति" बताते हुए गायिका के निधन पर दुख जताया। मनोज तिवारी ने उन्हें 'दीदी' कहकर पुकारा और कहा कि वह हमेशा लोगों के दिलों में रहेंगी, चाहे वह परिवार हो या उनके चाहने वाले। इसके अलावा उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए भाजपा नेता सैयद शाहनवाज हुसैन ने कहा कि "भारत ने एक रत्न खो दिया है" और जनता उन्हें और उनके गीतों को कभी नहीं भूलेगी। छठ पूजा के गीत उनके बिना अधूरे हैं...भगवान उनके परिवार को शक्ति दे...हम उन्हें और उनके गीतों को कभी नहीं भूलेंगे..."
'बिहार कोकिला' के नाम से मशहूर
भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने उनके निधन को संगीत उद्योग के लिए "अपूरणीय क्षति" बताया। प्रसाद ने कहा, "शारदा सिन्हा अब हमारे बीच नहीं रहीं...यह संगीत उद्योग और संस्कृति के लिए एक अपूरणीय क्षति है...उन्होंने कई ऐसे गीत गाए हैं जिनमें संस्कृति का स्वाद है। बतातें चलें कि 72 वर्षीय शारदा सिन्हा, 1970 के दशक से संगीत जगत की दिग्गज गायिका हैं, उन्होंने भोजपुरी, मैथिली और हिंदी लोक संगीत में बहुत योगदान दिया है और लोक संगीत की अपनी भावपूर्ण प्रस्तुतियों के लिए पूरी दुनिया में पहचानी गयीं। 'हम आपके हैं कौन..जैसी फिल्मों में उनके प्रसिद्ध गीतों ने उन्हें न केवल प्रसिद्धि दिलाई, बल्कि आलोचकों की प्रशंसा भी मिली। उन्होंने सलमान खान की फिल्म मैने प्यार किया का गीत 'कहे तोसे सजना तोहरी सजनिया भी उन्होंने ही गाया था। 2018 में, उन्हें कला में उनके योगदान के लिए भारत के तीसरे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार, प्रतिष्ठित पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। इसके अलाव उन्होंने नेशनल फिल्म अवार्ड समेत कई अन्य पुरस्कार भी जीते हैं। शारदा सिन्हा 'बिहार कोकिला' के नाम से मशहूर हुईं।
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