पूर्व फ़ीफ़ा उपाध्यक्ष चुंग मॉंग-जून पर छह साल के लिए प्रतिबंध लगाया गया है और 1,00,000 स्विस फ्रैंक (67.29 लाख रुपये से ज़्यादा) का जुर्माना लगाया गया है।

यह सज़ा फ़ीफ़ा की एथिक्स कमेटी ने दी है। कमेटी ब्लैटर, वैलके और यूएफ़ा अध्यक्ष पलातिनी के ख़िलाफ़ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच कर रही थी।

इसने एक बयान में कहा, "इन फ़ैसलों का आधार वह जांच है जो एथिक्स कमेटी के जांच प्रकोष्ठ ने की थी।"

फ़ीफ़ा अध्यक्ष,उपाध्यक्ष,महासचिव निलंबित

इन तीनों अधिकारियों को अस्थाई रूप से फ़ुटबॉल से जुड़ी गतिविधियों से निलंबित किया गया है। उन्होंने किसी भी ग़लत काम में शामिल होने से इनकार किया है।

'आरोप'

फ़ीफ़ा की एथिक्स कमेटी ने 79 वर्षीय ब्लैटर के ख़िलाफ़ जांच तब शुरू की था जब स्विस अटॉर्नी जनरल ने उनके ख़िलाफ़ आपराधिक मामला शुरू किया।

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उन पर फ़ीफ़ा के 'प्रतिकूल' एक अनुबंध करने और पलातिनी को 'बेइमानी से भुगतान' करने का आरोप है। पलातिनी यूरोपियन फ़ुटबॉल को नियंत्रित करने वाली संस्था यूएफ़ा के अध्यक्ष भी हैं।

एथिक्स कमेटी ने 60 वर्षीय पलातिनी के ख़िलाफ़ भी 20 लाख यूरो (14.74 करोड़ रुपये से ज़्यादा) के भुगतान की जांच शुरू कर दी। उन्हें यह भुगतान ब्लैटर के लिए परामर्श कार्य करने के नौ साल बाद किया गया था।

फ़ीफ़ा अध्यक्ष,उपाध्यक्ष,महासचिव निलंबित

वैल्के पहले ही फ़ीफ़ा के अपने पद से 'गार्डनिंग लीव' (निश्चित नोटिस पीरियड के लिए पूरे वेतन पर निलंबन) पर हैं। पिछले महीने एक अख़बार में यह आरोप छपने के बाद कि 54 वर्षीय वैल्के को विश्व कप टिकटों की बिक्री से फ़ायदा मिला है से वह अपने पद से दूर हैं।

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