मुंबई (पीटीआई)। शुरुआती कारोबार में बीएसई सेंसेक्स 1,300 अंक तक लुढ़क गया। वहीं बाद में सेंसेक्स सुधर कर 382.91 अंक या 0.66 प्रतिशत नीचे 57,300.68 अंक के स्तर पर आकर बंद हुआ। इसी तरह एनएसई निफ्टी 114.45 अंक या 0.67 प्रतिशत 17,092.20 अंक के स्तर पर आ गया।
टाटा स्टील सेंसेक्स पैक में टाॅप लूजर
सेंसेक्स में शामिल 30 में से 20 शेयर नुकसान के साथ लाल निशान में बंद हुए। सेंसेक्स चार्ट में टाटा स्टील, टीसीएस और एसबीआई 3.64 प्रतिशत तक लुढ़क कर बंद हुए। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज में चीफ इनवेस्टमेंट वीके विजयकुमार ने कहा कि रूस और यूक्रेन में तनाव की वजह से बाजार प्रभावित रहा। रूस समर्थित विद्रोहियों को रूस द्वारा मान्यता देने से हालात तनावपूर्ण हो गए हैं।
कच्चे तेल के भाव बढ़ने से भारत के लिए चिंता
विजयकुमार ने कहा कि कच्चे तेल का भाव 97 डाॅलर प्रति बैरल के भाव पर पहुंचने से भारत के लिए परेशान करने वाला है। इसकी वजह से आरबीआई को अपनी नरम मौद्रिक नीति छोड़ने को मजबूत होना पड़ सकता है। रूस-यूक्रेन स्टैंडऑफ की वजह से वाल स्ट्रीट में बिकवाली चालू हो गई। मंगलवार को एशियाई शेयर बाजार भी इससे प्रभावित रहे और यूरोपीय बाजारों में भी भारी बिकवाली रही।
यूक्रेन में रूस के सेना भेजने से तनाव गहराया
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा पूर्वी यूक्रेन के दो राज्यों को स्वतंत्र राष्ट्र के तौर पर मान्यता देने से पूर्वी यूरोप में भौगोलिक-राजनीतिक संकट गहरा गया है। मास्को समर्थिक विद्रोहियों के समर्थन में रूस ने खुलेआम सेना और हथियार भेजे हैं। प्रेसिडेंशियल सिक्योरिटी कौंसिल की बैठक के बाद पुतिन ने यह घोषणा की है। इस बीच भारत ने रूस-यूक्रेन तनाव को लेकर चिंता व्यक्त की है। इलाके में शांति और सुरक्षा के लिए कोशिशें हो रही हैं।
कच्चा तेल 97.35 डाॅलर प्रति बैरल
एक्सचेंज के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने सोमवार को 2,261.90 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। यूक्रेन संकट की वजह से कच्चा तेल ब्रेंट क्रूड का सौदा 4 प्रतिशत तेजी के साथ 97.35 डाॅलर प्रति बैरल के भाव पर किया गया। यह रेट सितंबर 2014 के बाद सर्वाधिक है।
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