मुंबई (पीटीआई)। भारतीय शेयर बाजार के इक्विटी बेंचमार्क ने गुरुवार को कारोबार के आखिरी घंटे में दो कारोबारी सत्रों में तेजी के दौर को तोड़ डाला, जिसमें आईटी, वित्त और बैंकिंग शेयरों के मंथली ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट्स की एक्सपायरी ने अपना रोल निभाया। हालांकि कारोबारियों ने कहा कि रुपये के कमजोर होने से भी मार्केट पर निगेटिव असर देखने को मिला। गुरुवार के कारोबारी सेशन में काफी वक्त तक अच्छा परफार्म करने के बाद 30-शेयर वाला बीएसई सेंसेक्स अचानक बिकवाली के दबाव में आ गया, जो 310.71 अंक या 0.53 प्रतिशत की गिरावट के साथ 58,774.72 पर बंद हुआ। इसी तरह, एनएसई का निफ्टी 82.50 अंक या 0.47 प्रतिशत गिरकर 17,522.45 पर आ गया।
इन सेक्टर्स में दिखी ज्यादा गिरावट
बजाज फाइनेंस ने सेंसेक्स में 1.81 प्रतिशत की गिरावट के साथ नीचे का रुख किया। इसके बाद पावरग्रिड, इंफोसिस, टीसीएस, इंडसइंड बैंक, एक्सिस बैंक, एनटीपीसी और लार्सन एंड टुब्रो भी उसको फॉलो करते हुए गिरावट दर्ज की।
ये 5 शेयर्स सबसे ज्यादा चमके
गुरुवार को नीचे गिरे स्टॉक इंडेक्स में सिर्फ यह 5 स्टॉक्स ऐसे रहे, जिन्होंने अच्छा प्रॉफिट दर्ज किया। इनमें मारुति सुजुकी, एसबीआई, डॉ रेड्डीज, कोटक महिंद्रा बैंक और टाइटन, 0.46 प्रतिशत तक ऊपर चढ़ गए।
अन्य बाजारों का यह रहा हाल
एशियाई बाजारों में सियोल, टोक्यो, हांगकांग और शंघाई के बाजार गुरुवार को उठकर बंद हुए। दूसरी ओर बाजार के मध्य सत्र के सौदों के दौरान यूरोप में शेयर बाजार ग्रीन जोन में कारोबार कर रहे थे। वॉल स्ट्रीट ने भी बुधवार को बढ़त दर्ज की थी। इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड 0.17 परसेंट चढ़कर 101.3 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। गुरुवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 7 पैसे की मामूली गिरावट के साथ 79.93 (अनंतिम) पर था। बता दें कि एक्सचेंज के आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने बुधवार को नेट 23.19 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे थे।
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