लंदन (रॉयटर्स)। ईरान और अमेरिका के बीच तनातनी बढती जा रही है। ईरान के एक बड़े अधिकारी अहमद खातमी ने बुधवार को तेहरान में ईद के मौके पर इक्ट्ठा हुए लोगों को संबोधित किया। उसी दौरान उन्होंने अमेरिका को चेतावनी देते हुए कहा, 'यूएस अगर ईरान पर हमला करता है तो हम भी अमेरिका के सहयोगी देशों जैसे इजराइल को अपना निशाना बनाने से पीछे नहीं हटेंगे।' इसके साथ खातमी ने कहा कि ईरानी नेताओं के साथ सीधी बातचीत के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पेशकश अस्वीकार्य थी।
बातचीत नहीं अमेरिका की तानाशाही
उन्होंने कहा कि अमेरिकियों का कहना है कि वार्ता में हम जो कहेंगे उसे स्वीकार करना होगा। तो यह बातचीत कहां से हुई, ये तो तानाशाही है। इसके साथ उन्होंने यह भी कहा कि ईरान इस तानाशाही के खिलाफ खड़ा होगा। बता दें कि हाल ही में अमेरिका ने ईरान पर कई प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। इसमें ईरान के बैंकनोट्स और मुख्य कारोबार जैसे कार और कारपेट उद्योगों को निशाने पर रखा है। प्रतिबंधों के तहत ईरान को पेट्रोलियम समेत कई अन्य कारोबारों में भारी नुकसान होगा।
परमाणु समझौता को लेकर तनाव
गौरतलब है कि परमाणु समझौते से अमेरिका के बाहर आने के बाद से ही दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है। अमेरिका अब ईरान पर नई शर्तो के साथ परमाणु समझौता करने का दवाब डाल रहा है, इसके लिए ट्रंप ने कुछ दिनों पहले ईरानी नेताओं के साथ सीधी बातचीत के लिए पेशकश भी रखी थी लेकिन ईरान इसके लिए तैयार नहीं है। दरअसल, ईरान, जर्मनी और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थाई सदस्यों- ब्रिटेन, चीन, फ्रांस, रूस और अमेरिका के बीच जुलाई 2015 में जेसीपीओए समझौता हुआ था। इस समझौते के तहत ईरान आर्थिक मदद और खुद पर लगे अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों को हटाने की एवज में अपने परमाणु हथियार कार्यक्रमों को रोकने पर सहमत हुआ था लेकिन मई में अमेरिका ने इस समझौते को एकतरफा बताते हुए खुद को इस प्रोग्राम से अलग कर लिया था।
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