पत्रकार, नेता, मशहूर लोग विशेष रूप से इस बारे में बेहद सतर्क रहते हैं, बल्कि प्रतियोगिता करते हैं कि फ़ेसबुक और ट्विटर जैसी सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर किसके ज़्यादा दोस्त या फ़ॉलोअर हैं.
यही नहीं, जिन लोगों का सोशल मीडिया पर अच्छा असर दिखता है वह इसका फ़ायदा विज्ञापनदाताओं को लुभाकर पैसा बनाने में भी कर सकते हैं.
लेकिन कैसा हो अगर आप आसानी से ऑनलाइन दोस्त या फॉलोअर ख़रीद सकें.
बीबीसी ट्रेंडिंग के मुकुल देवीचंद ने एक ऐसे आदमी को ढूंढ़ निकाला जिनका पेशा फ़ॉलोअर बेचने का है.
बॉट
जिम विडमैर का काम तो खुलेआम होता है लेकिन वह बात आसानी से नहीं करते. मुकुल ने उन्हें स्काइप पर बात करने को राज़ी कर लिया.
जिम आपके फॉलोअर की संख्या को इकाई या दहाई से एक झटके में पांच अंकों की संख्या में बदल सकते हैं. दरअसल, जिम एक कंप्यूटर प्रोग्रामर हैं.
वह कहते हैं, "झूठे फ़ॉलोअर ख़रीदना ठीक उसी तरह है जैसे आप कहीं पहुंचने के लिए एक वाहन लेते हैं."
जिम ने मुकुल को बताया कि ये काम वो बॉट यानी इंटरनेट रोबोट के ज़रिए करते हैं जो कि एक सॉफ्टवेयर है. अगर कोई उनसे झूठे फ़ॉलोअर ख़रीदता है तो जिम के बनाए फ़र्ज़ी अकाउंट उसके ट्वीट को पसंद करते हैं और री-ट्वीट करते हैं, जिससे ट्विटर पर उस व्यक्ति का असर बढ़ता है.
जिम कहते हैं, "बाल्टिक देशों या भारत में हमने ऐसे बहुत से फ़र्जी अकाउंट खोले हैं, जो आपको फ़ॉलो करते हैं. मान लीजिए आपको 10,000 फॉलोअर चाहिए तो इसके लिए आपको 10 डॉलर देने पड़ेंगे."
लेकिन यह तो काफ़ी सस्ता लगता है. सवाल यह है कि जो जिम कर रहे हैं क्या वह गैरकानूनी नहीं है? इस सवाल पर जिम कहते हैं- नहीं.
लेकिन फिर भी वह ट्विटर के साथ किए गए प्रयोगकर्ता के अनुबंध को तो तोड़ ही रहे हैं जो कहता है कि कोई ऑटोमेशन नहीं होगा, कोई फ़र्ज़ी अकाउंट नहीं होगा.
जिम कहते हैं इससे आपका अकाउंट निलंबित किया जा सकता है.
पिछले साल ट्विटर ने स्पैम इस्तेमाल करने वालों (स्पैमर्स) के ख़िलाफ़ मामला दर्ज करवाया है जो बॉट का इस्तेमाल कर रहे थे. जिम का भी एक अकाउंट निलंबित किया जा चुका है.
मुकुल के सवाल के जवाब में वह कहते हैं कि इस काम से वह ठीक-ठाक पैसे काम लेते हैं.
Technology News inextlive from Technology News Desk