पांच सैन्य और असैन्य विमान तलाशी अभियान में जुटे हैं. मलेशिया एयरलाइंस की उड़ान संख्या एमएच 370 का विमान गत आठ मार्च को कुआलालंपुर से बीजिंग जाते समय लापता हो गया था.
गुरुवार को जारी सेटेलाइट तस्वीरों में दक्षिणी हिन्द महासागर में कुछ मलबा दिखा था जो लापता विमान का हो सकता था. यह जगह ऑस्ट्रेलियाई शहर पर्थ के दक्षिण पश्चिम इलाक़े में है.
ख़राब मौसम के कारण गुरुवार को रात में खोज का काम रोकना पड़ा था.
आस्ट्रेलियाई सामुद्रिक सुरक्षा प्राधिकरण (एमसा) ने एक बयान में कहा कि जो चार सैन्य विमान खोज अभियान में लगे हैं, उनमें रॉयल ऑस्ट्रेलियाई एयर फोर्स से ताल्लुक रखने वाले तीन ओरियन भी हैं.
साथ ही एक असैन्य विमान गल्फ़स्ट्रीम जेट भी इस अभियान में जुटा है. दो ओरियन विमान और गल्फ़स्ट्रीम शुक्रवार सुबह खोज करेंगे जबकि एक अन्य ओरियन विमान और अमरीकी विमान पी8 पोसेडोन दिन में बाद में खोज पर निकलेंगे.
ख़राब मौसम
एमसा का कहना है कि ये विमान पर्थ से करीब 2500 किलोमीटर दक्षिण पश्चिम में 23,000 किलोमीटर क्षेत्र में सघन खोज का काम करेंगे.
इस जगह के ज़मीन से दूर होने के कारण हर विमान केवल दो घंटे ही खोज अभियान चला सकेगा.
नार्वे का एक जहाज़ गुरुवार से ही उस इलाक़े में खोज अभियान में लगा है. एक दूसरा जहाज़ भी वहां पहुँचने वाला है. इसी तरह ऑस्ट्रेलिया की नौसेना का एक जहाज़ भी रास्ते में है.
गुरुवार को चार निगरानी विमानों और छह जहाज़ों व्यापक इलाक़े में खोज का काम किया लेकिन उन्हें कोई सफलता नहीं मिली.
बाद में दो ऑस्ट्रेलियाई ओरियन विमानों की मदद के लिए अमरीका और न्यूजीलैंड के विमान भी तलाश अभियान में शामिल हो गए.
खोज अभियान से लौटे ऑस्ट्रेलियाई वायुसेना के विमान एपी-3सी ओरियन के कप्तान ने बताया कि मौसम वाकई बहुत ख़राब है, समुद्र में तेज लहरें उठने के साथ और जबरदस्त हवाएं चल रही हैं.
विमान की तलाश
इस बीच मलेशियाई परिवहन मंत्री हिशामुद्दीन हुसैन ने बताया कि सेटेलाइट से मिली संभावित मलबे की तस्वीरों से विमान की तलाश के काम को विश्वसनीय दिशा मिली है.
ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों का कहना है कि जो सबसे बड़ा टुकड़ा उन्हें सेटेलाइट तस्वीरों से दिखा उसका आकार क़रीब 25 मीटर (78 फीट) है.
जबसे विमान लापता हुआ है तब से कई जगहों पर उसके संभावित मलबे की तलाश की जा चुकी है लेकिन कोई कामयाबी नहीं मिल सकी है.
जांचकर्ताओं ने विमान की तलाशी के लिए संभावित क्षेत्र को दो कॉरिडोर में बांटा है- एक उत्तरी और दूसरा दक्षिणी- जहां सात घंटे की उड़ान के बाद विमान पहुंच सकता है.
ये कॉरिडोर सेटेलाइट पर आए अंतिम संकेतों पर आधारित हैं.
मलेशिया का कहना है कि दोनों कॉरिडोर पर लगातार खोज का काम जारी है और इस काम में 18 जहाज़, 29 विमान और छह हेलिकॉप्टर जुटे हुए हैं.
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