'एक लड़का और लड़की दोस्त नहीं हो सकते' हिंदी फिल्मों की इस आल टाइम फिलॉसफी को अब साइंस भी मानने लगा है। ऐसा आखिर कैसे हुआ। दरअसल अमेरिका की फेमस 'विस्कॉन्सिन यूनीवर्सिटी' में पिछले दिनों प्यार मोहब्बत को लेकर एक बेहतरीन रिसर्च की गई। इस रिसर्च का रिजल्ट वाकई चौंकाने वाला है। इस रिसर्च के लिए युनीवर्सिटी में 88 कपल्स यानि जोडि़यों को बुलाया गया। इन सभी जोड़ियों में एक फीमेल और एक मेल मेंबर शामिल था। गे और लेस्बियन जोड़ियों को इस रिसर्च से बाहर रखा गया था।
वैज्ञानिकों ने इन जोड़ियों में से हर एक लडके और लड़की को एक दूसरे से अलग करके एकांत कमरे में इंटरव्यू लिए। पहले सभी लड़कियों से उनके पुरुष मित्र के बारे में कई सवाल किए गए। जैसे वो अपने फ्रेंड के साथ कब कब रहना पसंद करती हैं। वो उनसे क्या उम्मीदें रखती हैं। इन सवालों में यह जानने की कोशिश की गई थी कि इन लड़कियों के मन में अपने पुरुष मित्र के प्रति प्यार वाला लगाव है या दोस्ती वाला।
इस रिसर्च इंटरव्यू के रिजल्ट की खास बात यह रही कि इनमें से अधिकतर लड़कियों में मन में अपने पुरुष मित्र के प्रति दोस्ती वाली भावनाएं ज्यादा थीं। ये लड़कियां लड़कों से प्यार मोहब्बत की नहीं बल्िक बेस्ट सपोर्ट की उम्मीद कर रही थीं। यानि कि इन लड़कियों के मन में अपने फ्रेंड से प्यार की नहीं बल्िक दोस्ती की उम्मीदें ज्यादा थीं।
रिसर्च के दूसरे स्टेप में लड़कों का भी ऐसा ही इंटरव्यू लिया गया। जिसका रिजल्ट लड़कियों से बिल्कुल उलट था। यानि कि ज्यादातर लड़कों ने अपनी फीमेल फ्रेंड के प्रति प्यार मोहब्बत वाली भावनाएं जाहिर की। अधिकतर लड़के अपनी फ्रेंड से दोस्ती की नहीं बल्कि प्यार की उम्मीद की लगाए बैठे थे। यानि की लड़के बॉर्न लवर बनकर उभरे थे।
महिला और पुरुष के रिश्ते को लेकर की गई इस रिसर्च में लड़के और लड़कियों के विचार तो एक दूसरे के विपरीत निकले। लड़कियां अपने फ्रेंड में दोस्ती तो लड़के सिर्फ प्यार तलाश रहे थे। भले ही इस रिजल्ट को देखकर वैज्ञानिक भी कन्फ्यूज हो गए हों लेकिन इससे एक बात तो साफ हो गई कि लड़का और लड़की मिलेंगे तो एक तरफ से दोस्ती तो दूसरी ओर से प्यार का हाथ बढ़ेगा और उसका रिजल्ट क्या होगा यह आप 'हम तुम' जैसी हिंदी फिल्म में देख ही चुके हैं।
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