गलती से हुई प्लास्टिक खाने वाले इस अनोखे एंजाइम की खोज
दुनिया में कभी कभी कुछ बड़ी खोजे अंजाने में ही हो जाती हैं। ऐसे ही वैज्ञानिकों के एक दल ने गलती से प्लास्टिक को हजम कर लेने वाले एंजाइम को विकसित किया है। अब इसका इस्तेमाल दुनिया की सबसे खराब प्रदूषण समस्याओं से निपटने में किया जा सकता है। बता दें कि ब्रिटेन की पोर्ट्समाउथ यूनीवर्सिटी और अमेरिकी ऊर्जा विभाग के राष्ट्रीय अक्षय ऊर्जा प्रयोगशाला (NREL) की रिसर्च टीम ने कुछ साल पहले जापान के एक वेस्ट रिसाइकिलिंग सेंटर में पाए गए प्राकृतिक एंजाइम की संरचना की जांच करने के दौरा इस नए एंजाइम को खोज निकाला है, जो प्लास्टिक कचरे को हजम कर सकता है। दरअसल यह एंजाइम प्लास्टिक वेस्ट को डीग्रेड कर देता है, जिससे यह पर्यावरण के लिए नुकसानदायक नहीं रह जाता।
प्लास्टिक बोतलों से लेकर फाइबर की चीजों तक सभी का कर देगा सफाया
वैज्ञानिकों के मुताबिक Ideonella sakaiensis 201-F6 नाम का यह एंजाइम polyethylene terephthalate को पचाकर उसे बायोडिग्रेडेबल बना देता है। polyethylene terephthalate यानि PET वही चीज है, जिसे 1940 में प्लास्टिक के नाम से पेटेंट कराया गया था। प्लास्टिक के बारे में माना जाता है कि यह कई सौ सालों तक बिना गले या खत्म हुए धरती पर रह सकती है और पर्यावरण और जीवों को भयानक नुकसान पहुंचाती है। तभी तो सभी तरह के प्रदूषण में प्लास्टिक कचरे को इंसानों और जानवरों के जीवन के लिए सबसे बड़ी समस्या माना जाता रहा है। फिर भी तमाम रिसर्च के बाद भी पूरी दुनिया के वैज्ञानिक प्लास्टिक कचरे को खत्म करने या डीग्रेड करने को कोई बेहतर तरीका नहीं खोज सके हैं।
PET प्लास्टिक को बना देगा ऐसा कचरा, जो धरती को पहुंचाए कम नुकसान
प्लास्टिक और फाइबर जो इस धरती पर सैकड़ों सालों तक बिना गले हुए रह सकती है और अगर उसे जलाने की कोशिश की जाए जो भयानक स्तर का कार्बन और कई खतरनाक गैसें वातावरण में फैल जाती हैं। अब इस नए खोजे गए Ideonella sakaiensis 201-F6 को लेकर वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि इससे पूरी दुनिया को प्लास्टिक कचरे से निजात मिल सकती है। दरअसल यह एंजाइम प्लास्टिक वेस्ट को खाकर पूरी तरह खत्म नहीं करता, बल्कि उसे पचाकर ऐसा बना देता है कि वो वेस्ट वर्यावरण को खास नुकसान नहीं पहुंचाता, लेकिन यहां वहां जमीन से लेकर समुद्र तल पर यह वेस्ट इक्ट्ठा होता रहेगा।
इस नए एंजाइम को और भी ताकतवर बनाने की जरूरत
NREL यानि अमेरिका की National Renewable Energy Laboratory ने अपनी वेब रिपोर्ट में बताया है कि प्लास्टिक खाने वाले इस एंजाइम पर आगे की रिसर्च की जरूरत है, ताकि यह इतना विकसित या पावरफुल हो जाए कि प्लास्टिक को पूरी तरह से खाकर हजम कर जाए या उसे बायो डिग्रेडबेल बना दे। ऐसा होने पर ही दुनिया को सच में प्लास्टिक कचरे और प्रदूषण से निजात मिल जाएगी।
इनपुट सोर्स: cnn.com
यह भी पढ़ें:
LPG सिलेंडर पर लिखे नंबरों का मतलब जानते हैं? अगर नहीं तो मुश्किल में पड़ सकते हैं आप
फ्रिज का चिल्ड पानी पीकर लोग कहते हैं वाह, लेकिन बाद में आहें निकल सकती हैं!
पैंट की चेन पर लिखे YKK का मतलब जानते हैं? आखिर इज्जत का सवाल है, जवाब तो बनता है!
International News inextlive from World News Desk