- बीएसए ऑफिस की ओर से सिटी के स्कूलों में पढ़ने वाली गर्ल्स को दी जानी थी सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंग
- एक भी ट्रेनर नियुक्त नहीं कर सका बेसिक शिक्षा विभाग
GORAKHPUR: स्कूल जाने वाली गर्ल्स के साथ छेड़छाड़ का मामला हो या फिर मार्केट में महिलाओं पर फब्तियां कसा जाना, यह कॉमन होता चला जा रहा है. लेकिन इन शोहदों को सबक सिखाने के लिए सिटी के स्कूलों में पढ़ने वाली छात्राओं को बीएसए साहब अभी तक झांसी की रानी नहीं बना सके हैं जबकि शासन का यह फरमान था कि बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से ट्रेनर्स नियुक्त कर सिटी की गर्ल्स को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दिलवाई जाएगी. लेकिन न तो ट्रेनर ही आए और न ही छात्राओं को ट्रेनिंग मिल पाई.
नहीं आए ट्रेनर्स के अप्लीकेशन
सिटी में चुनाव आचार संहिता खत्म होते ही शोहदों के भी हौसले बुलंद हो गए हैं. यूनिवर्सिटी मेन गेट के सामने से डीएम बंगले की तरफ निकलने वाली सड़क पर आए दिन इस सड़क पर स्कूल, कॉलेज गर्ल्स समेत हाउस वाइफ तक के साथ छेड़छाड़ की घटनाएं आम बात हो गई है. शुक्रवार को भी मनचलों ने दो लेडीज के साथ छेड़छाड़ की घटना को अंजाम दिया. ऐसी ही घटनाओं को देखते हुए छात्राओं को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दिलाने का जिम्मा बेसिक शिक्षा विभाग को सौंपा गया था, लेकिन अभी तक यह जिम्मेदारी बीएसए पूरी नहीं कर सके. प्रदेश सरकार की ओर से अक्टूबर में योजना तैयार की गई थी. जिसके तहत जूनियर हाई स्कूल में पढ़ने वाली सातवीं और आठवीं की छात्राओं को जुडो, कराटे व मार्शल आर्ट्स की स्कूल में ट्रेनिंग दी जानी थी. इसके लिए शासन ने अलग से फिजिकल ट्रेनर रखने के लिए निर्देश भी दिया था. योजना लागू हुए सात महीने से अधिक हो चुके हैं, लेकिन विभाग को योजना शुरू करने के लिए ट्रेनर ही नहीं मिल पाए हैं. बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों की मानें तो मार्शल आर्ट्स का प्रशिक्षण देने के लिए उन्हें ट्रेनर ही नहीं मिल पाए हैं. स्थिति यह है कि 100 ट्रेनर के एवज में मात्र 4 ट्रेनर ने ही आवेदन किए. कम आवेदन आने के कारण इस योजना का लाभ छात्राओं को नहीं मिल सका है.
फिजिकल ट्रेनर के नाम से होगी पहचान
बीएसए ऑफिस से मिली जानकारी के मुताबिक, इस स्कीम के तहत डिपार्टमेंट को 100 ट्रेनर्स की जरूरत थी. जिसके तहत सिटी के साथ-साथ जिले भर के सभी न्याय पंचायत क्षेत्रों में भी एक-एक ट्रेनर की नियुक्ति होनी है. इसके लिए विभाग ने कई बार फिजिकल ट्रेनर अप्वॉइंट करने के लिए सूचनाएं जारी कीं, लेकिन ट्रेनर्स ने इसमें इंट्रेस्ट नहीं दिखाया. अब विभाग नए सिरे से इन ट्रेनर्स को अप्वॉइंट करने की तैयारी में जुटा है.
योजना का हाल
- चार कैंडिडेट्स ने सिर्फ किया था ट्रेनर के लिए अप्लाई
- लोकसभा चुनाव से पहले विभाग को करना था इस योजना का शुभारंभ
- 1-1 ट्रेनर की सभी न्याय पंचायत क्षेत्रों में होनी थी नियुक्ति
- मानदेय पर रखे जाने थे फिजिकल ट्रेनर
वर्जन
छात्राओं को सेल्फ डिफेंस सिखाने के लिए फिजिकल ट्रेनर रखे जाने का निर्देश मिला था. कोशिश की जा रही है कि जल्द से जल्द ट्रेनर रखे जाएं.
- बीएन सिंह, बीएसए