पं राजीव शर्मा (ज्योतिषाचार्य)। सावन मास की पुराणों में बहुत अधिक महिमा है सावन मास भगवान शिव को विशेष प्रिय है।सावन मास आते ही चारों ओर वातावरण शिव भक्ति में होता है। जितनी वर्षा होती है, उतनी ही भगवान की कृपा मानी जाती है। शास्त्रों के मुताबिक शिव पूजन का यह महीना बेहद खास होता है। सावन के महीने में पड़ने वाले सोमवारों का भी विशेष महत्व माना जाता है। इस माह में पड़ने वाले मंगलवार का भी विशेष महत्व होता है। इस माह के सोमवारों को "वन सोमवार" कहा जाता है।
शिव जी को क्यों पसंद है सावन
सावन मास के मंगलवार को मंगला गौरी के नाम से जाना जाता है। इस दिन मंगल ग्रह के शांति के निमित्त एवं मां पार्वती को प्रसन्न करने के लिए विशेष पूजा अर्चना एवं व्रत किया जाता है। शिव को सावन मास इसलिए अधिक प्रिय है क्योंकि पौराणिक कथा के अनुसार जब सनद कुमारों ने महादेव से उनसे सावन मास प्रिय होने का कारण पूंछा तो महादेव शिव ने बताया कि जब देवी सती ने अपने पिता दक्ष के घर में योग शक्ति से शरीर त्याग किया था, उससे पहले देवी सती ने महादेव को हर जन्म में पति के रूप में पाने का प्रण लिया था, अपने दूसरे जन्म में देवी सती ने पार्वती रूप में हिमालय राज के घर में पुत्री रूप में जन्म लिया।
इसलिए नाम पड़ा सावन
पार्वती ने युवावस्था के सावन मास में निराहार रहकर कठोर व्रत किया और उन्हें प्रसन्न कर विवाह किया,जिसके बाद से ही महादेव के लिए सावन मास विशेष प्रिय हो गया। इस माह पूर्णमा के दिन श्रवण नक्षत्र विद्दमान रहता है। इसी कारण इस माह का नाम सावन पड़ा। सावन मास का प्रत्येक दिन शिव पूजा के लिए विशिष्ट है।