पं राजीव शर्मा (ज्योतिषाचार्य)। सावन महीने की शुरुआत 14 जुलाई से हो रही है। सावन के सोमवार का अलग महत्व होता है। इस बार पहला सोमवार 18 जुलाई को पड़ रहा है। सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा की जाती है। वैसे तो शिव को प्रसन्न करने के लिए कभी भी पूजा-पाठ कर सकते हैं मगर कुछ खास अवसर पर जैसे सावन इत्यादि में शिव की पूजा मूहुर्त देखकर कर सकते हैं।
यह है पूजा का सबसे शुभ मुहूर्त
सावन माह में सुबह जल्दी उठकर भोलेनाथ की पूजा करनी चाहिए। मगर इस बार सावन के सोमवार के लिए कुछ विशेष मुहूर्त है। प्रत्येक सोमवार पूजा का समय:- प्रातः 5.40 से 7.20 और 9.20 से 10.45 तक अमृत एवं शुभ के चैघड़िया मुहूर्त में पूजा करना फलदायी होता है। इसके अलावा अपराह्न 3.45 से सांय 7.15 तक चर,लाभ,अमृत के चौघड़िया में भी शिव जी की पूजा करने से विशेष फल मिलता है।
सावन माह का महत्व
हिन्दू पंचांग के अनुसार सावन मास आषाढ़ मास की पूर्णिमा के बाद आता है। इस साल आषाढ़ की पूर्णिमा 13 जुलाई को दिखाई देगी इसलिए सावन का महीना 14 जुलाई से शुरू होकर 12 अगस्त को समाप्त होगा। इस बारे में किंवदंतियां हैं कि कैसे भगवान शिव ने दुनिया को बचाने के लिए जहर पी लिया था, और लोग इस महीने के दौरान इसको याद करते हैं। ऐसा माना जाता है कि विष का सेवन करने के बाद भगवान शिव की गर्दन नीली हो गई थी, इसलिए भक्त उनके घावों को ठीक करने के लिए गंगा नदी से जल चढ़ाते हैं। दूसरी ओर, मंगला गौरी व्रत आमतौर पर विवाहित महिलाओं द्वारा आगे एक सफल विवाह पाने के लिए मनाया जाता है। इन दिनों मां पार्वती की पूजा की जाती है। जहां कुछ भक्त महीने के दौरान सख्त उपवास रखते हैं, वहीं कुछ भगवान को दूध, पानी और बिल्व पत्र चढ़ाते हैं।