कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। Sawan Last Somwar 2023 : भगवान भोलेनाथ का प्रिय महीना सावन अब तीन दिन बाद यानी कि 31 अगस्त को खत्म होने वाला है। ऐसे में आज सावन का आठवां और अंतिम सोमवार है। पुरुषोत्तम मास यानी कि अधिक मास के कारण इस बार सावन दो महीने का था और इस बार 8 सोमवार पड़े हैं। हिंदू शास्त्रों में सावन के सोमवार को शिव पूजन व व्रत का विशेष महत्व है। लोगों में यह मान्यता है कि सावन के सोमवार के दिन व्रत और पूजा करने से सभी परेशानियां दूर होती है। इसलिए देवों के देव महादेव को प्रसन्न करने के लिए भक्तों के पास आज सावन का आखिरी सोमवार है। खास बात इस दिन विशेष संयोग है। आज अंतिम सोमवार को पुत्रदा एकादशी व्रत व सोम प्रदोष व्रत भी है।
इस तरह करें भगवान शिव का पूजन
शिव पूजन में शिव जी को गंगाजल या दूध से स्नान कराएं। फिर उन्हें चंदन, अक्षत, सफेद फूल, बेलपत्र, भांग के पत्ते, शमी के पत्ते, धतूरा, भस्म और फूलों की माला चढ़ाएं। इसके बाद शहद, फल, मिठाई, चीनी, धूप-दीप अर्पित करें। शिव चालीसा का पाठ व व्रत कथा पढ़ें। पूजा के अंत में शिवलिंग के सामने घी का दीपक जलाएं और आरती करें। इसके बाद शिव को जी को भोग लगाएं और घर परिवार में बांटने के बाद उसे खुद भी ग्रहण करें।
शिव पूजन में अक्षत चढ़ाने का महत्व
मान्यता है कि सावन के सोमवार को शिव पूजन पूजा दाैरान सोमवार की व्रत कथा पढ़ने और सुनने से विशेष फल मिलता है। इसके साथ ही सोमवार को शिव पूजा के दौरान शिवलिंग पर अक्षत यानी कि चावल अर्पित करना शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि जो भी भक्त शिवलिंग पर कच्चे चावल अर्पित करता है उसकी हर मनोकामना पूरी होती है। हालांकि ध्यान रहे कि चावल के साबुत हों। शिवलिंग पर चावल के टूटे दाने नहीं चढ़ाने चाहिए।
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