कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। सावन का महीना शुरू हो चुका है। इस साल चार सावन सोमवार पड़ रहे हैं। पहला सावन सोमवार 18 जुलाई को है। इस महीने को भगवान शिव की पूजा करने के लिए शुभ माना जाता है और हिंदू समुदाय में भी इसका विशेष महत्व है। सावन पांचवां महीना है जो हिंदू कैलेंडर के अनुसार जुलाई-अगस्त के महीने में आता है। ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव ने समुद्र मंथन के दौरान समुद्र से निकले विष का सेवन किया और दुनिया को बचाया। इसलिए सावन या श्रावण मास भगवान शिव को समर्पित है।
व्रत रखने वाले रखें खास ध्यान
सावन आषाढ़ मास की पूर्णिमा के बाद आता है। 2022 में आषाढ़ की पूर्णिमा 13 जुलाई को दिखाई देगी। इसलिए सावन का महीना 14 जुलाई से शुरू होकर 12 अगस्त को समाप्त होगा। महीने में चार सोमवार होंगे और सावन का पहला सोमवार 18 जुलाई को पड़ेगा। अगर सावन सोमवार का व्रत रख रहे हैं तो जानिए क्या करें और क्या न करें।
क्या करना चाहिए
- सबसे पहले, एक भक्त को एक संकल्प लेना चाहिए कि वे ईमानदारी से उपवास करेंगे।
- भक्त को प्रातः काल उठना चाहिए।
- सबसे पहले नहाएं और फिर घर की सफाई करें।
- भगवान शिव की मूर्ति को स्थापित करने से पहले आप अपने घर में कुछ गंगाजल छिड़क सकते हैं।
- भगवान शिव की स्थापना घर की उत्तर-पूर्व दिशा में करनी चाहिए।
- पूजा के लिए पानी, दूध, चीनी, घी, दही, शहद, वस्त्र, जनेऊ, चंदन, पंचामृत, कच्चा चावल, फूल, बेल पत्र, धतूरा, कमल गट्टा, प्रसाद, भांग, लौंग, इलायची, दक्षिणा और मेवा की आवश्यकता होती है।
- व्रत रखने वाले भक्तों को व्रत का भोजन केवल शाम के समय ही करना चाहिए।
क्या नहीं करना चाहिए
- व्रत रखने वाले भक्तों को लहसुन और प्याज से बचना चाहिए।
- सावन के महीने में शराब और मांसाहारी भोजन का सेवन न करें।
- सावन के महीने में दूध का सेवन नहीं करना चाहिए।
- भगवान शिव की पूजा करते समय हल्दी, केतकी के फूल, तुलसी के पत्तों का प्रयोग नहीं करना चाहिए।