वाराणसी (एएनआई)। Sawan 2024: उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थित प्रतिष्ठित काशी विश्वनाथ मंदिर ने इस साल 22 जुलाई को पड़ने वाले सावन के पहले सोमवार को श्रद्धालुओं और कांवड़ियों के दर्शन के लिए विशेष व्यवस्था की है। काशी विश्वनाथ मंदिर के सीईओ विश्व भूषण मिश्रा ने कहा कि इस साल बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है और इसलिए इसे ध्यान में रखते हुए सभी तैयारियां की गई हैं। सावन के महीने में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए वाराणसी का काशी विश्वनाथ मंदिर पूरी तरह से तैयार है। सुरक्षा के कड़े इंतजाम रहेंगे। इस साल करीब डेढ़ करोड़ श्रद्धालुओं के काशी विश्वनाथ मंदिर में आने का अनुमान है। इस साल श्रावण माह में पांच सोमवार होने से श्रद्धालुओं की संख्या में जबरदस्त इजाफा हो सकता है।
श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी न हो
काशी विश्वनाथ मंदिर को बारह ज्योतिर्लिंगों में सबसे प्रमुख ज्योतिर्लिंग माना जाता है। मंदिर के सीईओ ने आगे बताया कि श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन ने भी श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा का पूरा ख्याल रखते हुए तैयारियां की हैं। प्रशासन ने सुरक्षा के लिए तीन स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की है। काशी विश्वनाथ मंदिर के चारों गेट खुले रहेंगे, ताकि श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी न हो। श्रद्धालु किसी भी गेट से प्रवेश कर सकते हैं। इस साल दर्शन में लोगों को किसी तरह की परेशानी न हो, इसका खास ख्याल रखा जा रहा है।
महादेव अलग-अलग स्वरूप में दर्शन देंगे
उल्लेखनीय है कि 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक श्री काशी विश्वनाथ धाम में श्रावण मास के सभी सोमवार को महादेव अलग-अलग स्वरूप में दर्शन देंगे। इस वर्ष सावन मास के पांच शुभ सोमवार होने से बाबा विश्वनाथ का हर सोमवार को अलग-अलग स्वरूप में श्रृंगार होगा। शिवमय काशी अपने परिवार माता पार्वती, कार्तिकेय और गणेश के साथ श्रावण मास के सभी सोमवार को अलग-अलग रंग और अलग-अलग स्वरूप में दर्शन देगी।
बाबा का अलग-अलग स्वरूप में श्रृंगार होगा
चल रही तैयारियों के बारे में बताते हुए श्री काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्र ने बताया कि इस वर्ष सावन के सभी पांचों सोमवार को बाबा का अलग-अलग स्वरूप में श्रृंगार किया जाएगा। बाबा के दर्शन के लिए आने वाले भक्त श्री काशी विश्वनाथ के निम्न स्वरूपों के दर्शन कर सकेंगे। श्रावण के पहले सोमवार 22 जुलाई को बाबा विश्वनाथ की चल प्रतिमा का श्रृंगार किया जाएगा। सोमवार 29 जुलाई को बाबा विश्वनाथ का गौरी शंकर के स्वरूप में श्रृंगार किया जाएगा।
विश्वनाथ को रुद्राक्ष से सुसज्जित किया जाएगा
तीसरे सोमवार 5 अगस्त को बाबा विश्वनाथ अपने अर्धनारीश्वर स्वरूप से भक्तों को अचंभित करेंगे। चौथे सोमवार 12 अगस्त को बाबा विश्वनाथ को रुद्राक्ष से सुसज्जित किया जाएगा। श्रावण के अंतिम सोमवार 19 अगस्त को भी श्रावण पूर्णिमा के अवसर पर बाबा विष्णुनाथ को शंकर पार्वती गणेश के रूप में सजाया जाएगा। श्रावण भगवान महादेव का प्रिय महीना है। इस वर्ष श्रावण 22 जुलाई सोमवार से शुरू होकर 19 अगस्त सोमवार को समाप्त होगा और 29 दिनों तक चलेगा।
National News inextlive from India News Desk