सौरभ शुक्ला ने खोला राज, बताया- 'सत्या' में भीखू म्हात्रे का किरदार किस पर था आधारित
नई दिल्ली (ब्यूरो)। फिल्म 'सत्या' में कल्लू मामा के किरदार ने अभिनेता सौरभ शुक्ला को शोहरत की बुलंदियों पर पहुंचाया था। वह फिल्म के सहलेखक भी थे। हालांकि वह फिल्म का लेखन नहीं करना चाहते थे। कल्लू मामा का किरदार निभाने की चाहत के चलते वह उसका सहलेखन करने को राजी हुए। यह रहस्योद्घाटन उन्होंने नौवें जागरण फिल्म फेस्टिवल (जेएफएफ) में 'सत्या' के बीस साल पूरे होने के अवसर पर आयोजित परिचर्चा के दौरान किया।
सुधीर मिश्रा चाहते थे कि मैं उनकी फिल्म 'मेहरुनिसा' लिखूं: सौरभ ने बताया, 'बैंडिंट क्वीन' के बाद शेखर कपूर मुझे एक सीरीज 'तहकीकात' करने के लिए मुंबई लाए थे। मेरी मुलाकात सुधीर मिश्रा से हुई थी। सुधीर ने 'इस रात की सुबह नहीं' में मुझे रोल दिया। सुधीर मिश्रा चाहते थे कि मैं उनकी फिल्म 'मेहरुनिसा' लिखूं। अनुराग कश्यप ने बताया कि रामगोपाल वर्मा मुझसे मिलना चाहते हैं। उस समय मैंने '9 मालाबार हिल्स' नामक सीरीज लिखी थी। मुझे आशंका थी कि रामू भी मुझसे फिल्म लिखने को कहेंगे। पूरी रात मैं सोचता रहा कि किस तरह रामू को इन्कार करूं। अगले दिन मैं रामू से मिलने पहुंचा।
रोल जाने के डर से किया 'सत्या' का लेखन : रामू ने मुझे कल्लू मामा का रोल करने को कहा, तो मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। फिर उन्होंने कहा कि अनुराग ने बहुत सिफारिश की है कि आप फिल्म लिखें। दरअसल, रामू कहानी के लिए नया नजरिया चाहते थे, तब अनुराग ने मेरे नाम का सुझाव दिया। मुझे लगा कि अगर मैंने लिखने से इन्कार किया तो किरदार निभाने का मौका गंवा दूंगा। सो मैंने लेखन में जुड़ने की सहमति दे दी। ''सत्या' में भीखू म्हात्रे का किरदार जेल में संजय दत्त के साथी कैदी पर आधारित था। इस बात की पुष्टि सौरभ ने की। बकौल सौरभ, 'संजय और रामू काफी करीबी थे। 'सत्या' से पहले रामू ने फिल्म 'दौड़' बनाई थी। संजय ने अपने जेल अनुभवों को रामू के साथ साझा किया था। संजय चाहते थे रामू अंडरवर्ल्ड पर फिल्म बनाएं।
नई दिल्ली (ब्यूरो)। फिल्म 'सत्या' में कल्लू मामा के किरदार ने अभिनेता सौरभ शुक्ला को शोहरत की बुलंदियों पर पहुंचाया था। वह फिल्म के सहलेखक भी थे। हालांकि वह फिल्म का लेखन नहीं करना चाहते थे। कल्लू मामा का किरदार निभाने की चाहत के चलते वह उसका सहलेखन करने को राजी हुए। यह रहस्योद्घाटन उन्होंने नौवें जागरण फिल्म फेस्टिवल (जेएफएफ) में 'सत्या' के बीस साल पूरे होने के अवसर पर आयोजित परिचर्चा के दौरान किया।
सुधीर मिश्रा चाहते थे कि मैं उनकी फिल्म 'मेहरुनिसा' लिखूं: सौरभ ने बताया, 'बैंडिंट क्वीन' के बाद शेखर कपूर मुझे एक सीरीज 'तहकीकात' करने के लिए मुंबई लाए थे। मेरी मुलाकात सुधीर मिश्रा से हुई थी। सुधीर ने 'इस रात की सुबह नहीं' में मुझे रोल दिया। सुधीर मिश्रा चाहते थे कि मैं उनकी फिल्म 'मेहरुनिसा' लिखूं। अनुराग कश्यप ने बताया कि रामगोपाल वर्मा मुझसे मिलना चाहते हैं। उस समय मैंने '9 मालाबार हिल्स' नामक सीरीज लिखी थी। मुझे आशंका थी कि रामू भी मुझसे फिल्म लिखने को कहेंगे। पूरी रात मैं सोचता रहा कि किस तरह रामू को इन्कार करूं। अगले दिन मैं रामू से मिलने पहुंचा।
रोल जाने के डर से किया 'सत्या' का लेखन : रामू ने मुझे कल्लू मामा का रोल करने को कहा, तो मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। फिर उन्होंने कहा कि अनुराग ने बहुत सिफारिश की है कि आप फिल्म लिखें। दरअसल, रामू कहानी के लिए नया नजरिया चाहते थे, तब अनुराग ने मेरे नाम का सुझाव दिया। मुझे लगा कि अगर मैंने लिखने से इन्कार किया तो किरदार निभाने का मौका गंवा दूंगा। सो मैंने लेखन में जुड़ने की सहमति दे दी। ''सत्या' में भीखू म्हात्रे का किरदार जेल में संजय दत्त के साथी कैदी पर आधारित था। इस बात की पुष्टि सौरभ ने की। बकौल सौरभ, 'संजय और रामू काफी करीबी थे। 'सत्या' से पहले रामू ने फिल्म 'दौड़' बनाई थी। संजय ने अपने जेल अनुभवों को रामू के साथ साझा किया था। संजय चाहते थे रामू अंडरवर्ल्ड पर फिल्म बनाएं।
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