ये भगदड़ कल उस समय हुई जब मीना में शैतान को पत्थर मारने की रस्म अदा की जा रही थी।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ट्विटर के ज़रिए बताया कि जेद्दा में भारतीय वाणिज्यिक दूत ने हादसे में 14 भारतीयों के मारे जाने और 13 के घायल होने की ख़बर दी है।
विदेश मंत्री का कहना है कि अभी सऊदी अधिकारी इस आंकड़े की पुष्टि करेंगे।
इस घटना में 863 लोगों के घायल होने की भी ख़बर है।
इस साल लगभग बीस लाख लोग हज यात्रा के लिए सऊदी अरब पहुंचे हैं।
सऊदी शाह सलमान ने टीवी पर दिए एक संदेश में भगदड़ में मारे गए लोगों के प्रति संवेदना जताई।
शाह सलमान ने कहा, "बेहद दुखद त्रासदी. हमने संबंधित संस्थाओं को आदेश दिया है कि वो जांच करें और जल्द से जल्द हमें जांच का नतीजा बताएं।"
उन्होंने कहा, "हम धार्मिक रस्मों में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं की मदद के लिए अपनी सुरक्षा कोशिशों में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। हमने संबंधित संस्थाओं को निर्देश दिया है कि वो
हज से जुड़ी मौजूदा नीति का फिर से मूल्यांकन करें।"
सऊदी सरकार ने मामले की जाँच के लिए आयोग का गठन कर दिया है। हालांकि सऊदी स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि ये घटना इसलिए हुई क्योंकि कई श्रद्धालुओं ने समय सारिणी
का पालन नहीं किया।
स्थानीय पत्रकार शिराज़ वहाब का कहना है ''मक्का में इस वक्त सूरज अपनी पूरी तपिश पर है। यहां 45 डिग्री का तापमान है जिसके कारण भीड़ में फंसे काफ़ी लोग बेहोश भी हो
गए थे।''
वहाब बताते हैं कि हालांकि यहां कंकड़ियां मारने के लिए काफ़ी भीड़ जमा होती है, यह हादसा कैसे हुआ इसकी वजह साफ़ नहीं हो पाई है।
ईरान का आरोप
हादसे के बाद ईरान ने सऊदी अरब पर आरोप लगाया कि वो हज यात्रियों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त इंतजाम नहीं कर पा रहा है। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खमेनाई ने सऊदी
अधिकारियों पर कुप्रबंधन का आरोप लगाया है।
पिछले 25 सालों में हज यात्रा के दौरान ये सबसे बड़ा हादसा है।
ईरान के विदेश उप मंत्री हौसेन आमिर अब्दुल्लाह ने कहा है, "निश्चित तौर पर ये तो साफ है कि श्रद्धालुलों की आवाजाही का काम संभाल रहे अधिकारियों ने अपना काम ठीक से
नहीं किया है, जिसकी वजह से ये त्रासदीपूर्ण घटना हुई। सऊदी अधिकारियों को इसकी जवाहदेही तय करनी होगी।"
मरने वालों में 95 श्रद्धालु ईरान से हैं।
हज के दौरान श्रद्धालु मक्का से पांच किलोमीटर दूर मीना में जाते हैं और वहां जमरात कहे जाने वाले तीन स्तंभों को सात पत्थर मारने की रस्म अदा की जाती है. ये तीन स्तंभ
शैतान के प्रतीक माने जाते हैं।
पत्थर मारने की रस्म के दौरान इससे पहले भी कई बार भगदड़ की घटनाएं हो चुकी हैं जिनमें सैकड़ों लोग मारे गए हैं।
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