Vasant Panchami 2020 Date : इस वर्ष वसंत पंचमी को दो दिन मनाया जाएगा। कुछ लोग इसे 29 जनवरी को मना रहे हैं तो कुछ लोग इसे 30 जनवरी को मना रहे हैं। हालांकि वसंत पंचमी दोनों ही दिन पड़ रही है। ये 29 तारीख की सुबह शुरु होकर 30 जनवरी की सुबह तक रहेगी।

Vasant Panchami subh muhurt : 29 जनवरी को दिन में 8: 18 बजे से पंचमी लग रही है जो गुरुवार को 30 जनवरी के दिन 10:28 बजे तक रहेगी। उदया तिथि होने की वजह से इसे 30 जनवरी को ही मनाया जाएगा पर कुछ लोग इसे 29 जनवरी को भी मना रहे हैं। इस दिन विद्या, बुद्धि, ज्ञान और वाणी की देवी माता सरस्वती की पूजा की जाती है।

Vasant Panchami Puja : वसंत पंचमी के दिन 'तेजस्विनी और अनन्त गुणशालिनी' देवी सरस्वती की पूजा एवं आराधना की जाती है। इसे मनाने के लिए माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि निर्धारित की गई है। इस तिथि को वागीश्वरी जयन्ती एवं श्रीपंचमी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन देवी सरस्वती की विशेष पूजा व अर्चना होती है।

Vasant Panchami Katha : दुर्गासप्तशती में भी आद्याशक्ति द्वारा अपने- आप को तीन भागों में विभक्त करने की कथा प्राप्त होती है। आद्याशक्ति के ये तीनों रूप महाकाली, महालक्ष्मी और महासरस्वती के नाम से जगद्विख्यात हैं। देवी सरस्वती सत्वगुणसम्पन्ना हैं। इनके अनेक हैं जिनमें से वाक्, वाणी, गीः, गिरा, भाषा, शारदा, वाचा, धीश्वरी, वागीश्वरी, ब्राह्मी, गौ, सोमलता, वाग्देवी और वाग्देवता आदि अधिक प्रसिद्ध हैं। भगवती सरस्वती विद्या की अधिष्ठातृ देवी हैं और विद्या को सभी धनों में प्रधान धन कहा गया है। विद्या से ही अमृत पान किया जा सकता है। भगवती सरस्वती की महिमा और प्रभाव असीम हैं। वे राष्ट्रिय भावना प्रदान करती हैं तथा लोकहित के लिए संघर्ष करती हैं।सृष्टि-निर्माण वाग्देवी का कार्य है। वे ही सारे संसार की निर्मात्री एवं अधीश्वरी हैं। वाग्देवी को प्रसन्न कर लेने पर मनुष्य संसार के सारे सुख भोगता है। इनके अनुग्रह से मनुष्य ज्ञानी, विज्ञानी, मेधावी, महर्षि और ब्रह्मर्षि हो जाता है। वाग्देवी सर्वत्र व्याप्त हैं तथापि वे निर्लेप- निरंजव एवं निष्काम हैं।

- ज्योतिषाचार्य पंडित गणेश प्रसाद मिश्र