कानपुर। अभिनेता-निर्माता संजय खान आज 78 साल के हो गए हैं। बाॅलीवुड में उन्होंने अभिनेता-निर्माता लेखक के ताैर पर एक अहम भूमिका निभाई है। एक अभिनेता के रूप इन्होंने लगभग 50 फिल्मों में अभिनय किया। हाल ही में इनकी ऑटोबायोग्राफी द बेस्ट मिस्टेक्स ऑफ माई लाइफ बुक आई थी। इस किताब में इन्होंने अपने जीवन के सभी खट्टे मीठे अनुभवों को लिखा है। इसके अब ये दूसरी किताब अस्सलावालेकुम वतन को लाॅन्च करने की तैयारी में हैं। इस पुस्तक का उद्देश्य भारत के मुस्लिम युवाओं को देश का अच्छे नागरिक बनाना है।
देश का अच्छा नागरिक बनाना मेरा लक्ष्य
संजय खान ने इस पुस्तक को साल के अंत में जारी करने की योजना बनाई है। संजय खान ने मिड डे से बातचीत में बताया है कि पुस्तक अस्सलावालेकुम वतन का शीर्षक लगभग पांच सालों से मेरे पास है। पुस्तक का लक्ष्य 200 मिलियन से अधिक मुस्लिमों को शिक्षा और एक अच्छी नौकरी पाने में मदद करना है। इसके साथ ही उन्हें एक देश का अच्छा नागरिक बनाना है। हमारा देश (बेरोजगारी) जैसी परेशानियों का सामना कर रहा है। वहीं मुस्लिम समुदाय हाशिए पर है और किनारे धकेल दिया गया है। ऐसे में मैं नहीं चाहता कि वे राष्ट्र के लिए एक बोझ बनें।
मुस्लिमों ने देश के लिए विशेष योगदान दिया
संजय के मुताबिक उन्होंने नौ अध्यायों में मुस्लिम समुदायों को परिभाषित करने वाले उदाहरणाें का जिक्र किया है कि कैसे इतिहास में इस समुदाय ने देश के लिए विशेष योगदान दिया है। यह भारत के एक संक्षिप्त इतिहास के साथ शुरू होता है, और जनमानस द्वारा किए गए प्रमुख योगदानों पर फोकस करता है। lसंजय कहते हैं कि मैं खुद को पहले भारतीय मानता हूं। यह एक राजनीतिक पुस्तक नहीं है। यह एक सामाजिक-आर्थिक अध्ययन है जो लोगों की भलाई और समाज के प्रति मेरे प्रयास को और आगे ले जाने के लिए प्रेरित करती है। अभी वह इस किताब का आखिरी संपादन कर रहे है।
Bollywood News inextlive from Bollywood News Desk