दूसरा सेट भी काफी टक्कर भरा
भारत की टैनिस स्टार सानिया मिर्जा को शायद इसीलिए टेनिस जगत की सनसनी कहा जाता है। सानिया मैदान में उतरती हैं तो दूसरी टीमों के खिलाड़ियों के कई बर पसीना छूट जाता है। ऐसा ही प्रदर्शन सानिया ने कल विंबलडन 2015 के फाइनल में किया। हालांकि इस दौरान बीच में सानिया थोड़ी पीछे होती जरूर दिखीं लेकिन अंत में उनकी टीम ही विजेता बनी। भारत की सानिया मिर्जा और स्विस की मार्टिना हिंगिस की जोड़ी विंबलडन टेनिस टूर्नामेंट में वुमंस डबल्स चैम्पियन बन चुकी है। जब कि सेकेंड सीड रूसी जोड़ी एकाटेरिना मकारोवा और एलेना वेस्नीना को हार का सामना करना पड़ा। कल लगभग दो घंटे तक यह खेल चला। जिसमें सानिया-हिंगिस की जोड़ी पहले सेट में 5-7 से हार गई। इसके बाद जब दूसरा सेट भी काफी टक्कर भरा रहा। इसमें सानिया और हिंगिस की जोड़ी ने 7-4 से जीत हासिल की थी। इसके बाद तीसरे सेट में सानिया और हिंगिस की जोड़ी ने शानदार प्रदर्शन कर जीत दर्ज कराली।
ओपेन खिताब पर जीत हासिल
ऐसे में खेल समाप्त होने के बाद विजेता जोड़ी को 5.47 लाख डॉलर (3.34 करोड़ रु.) ईनाम के रूप में दिए गए। जिससे अब सानिया मिर्जा भारत की ओर से वुमन्स डबल्स ग्रैंडस्लैम जीतने वाली पहली भारतीय महिला बन चुकी हैं। सानिया से पहले भारत की ओर से किसी महिला ने इसमें सफलता नहीं पाई हैं। इससे पहले भी सानिया मिर्जा मिक्स्ड डबल्स में 2009 में महेश भूपति के साथ ऑस्ट्रेलियन ओपेन खिताब पर जीत हासिल की थी। 2012 में फ्रेंच खिताब अपने नाम किया था। इसके साथ ही अभी बीते साल यानी कि 2014 में ब्राजील के ब्रूनो सुआरेस के साथ यूएस ओपन मिक्स डबल्स का खिताब अपने नाम करने में सफल हुईं थी। वहीं 1997 की विंबलडन सिंगल्स चैम्पियन बन चुकी हिंगिस भी 1996 में और 1998 में वीमेंस डबल्स खिताब जीत चुकी हैं।Hindi News from Sports News Desk