रैंकिंग लगी दांव पर
सानिया के इस डिसीजन का मतलब है कि उन्होंने अपनी 900 रैंकिंग अंक दांव पर लगा दिये हैं, जो एशियन गेम्स के दौरान वह हासिल नहीं कर सकतीं. एशियन गेम्स का आयोजन 19 सितंबर से 4 अक्टूबर तक किया जायेगा. इंडिया की यह स्टार प्लेयर अब वुहान WTA प्रतियोगिता में नहीं खेल पायेगी, जिसमें 900 रैंकिंग अंक दांव पर लगे हैं. सानिया हालांकि टोक्यो में खेलेंगी, जहां वह गत चैंपियन हैं, लेकिन इस टूर्नामेंट के अंको की संख्या अब 900 से घटाकर 475 कर दी गई है.
न खेलने का फैसला गलत था
सानिया ने टोक्यो रवाना होने से पूर्व कहा,'मैं अजीब महसूस कर रही थी. मैं अपने पहले वाले डिसीजन से खुश नहीं थी, इसलिये मैंने सोचा कि मुझे सोचा कि मुझे खेलना चाहिये. मुझे पता है कि मैं 900 अंक का बलिदान कर रही हूं, लेकिन कभी-कभी आपको फैसला करना होता है.' एशियन गेम्स के बाद हालांकि सानिया चाइना ओपन में हिस्सा लेंगी. फिलहाल सानिया और कारा ब्लैक सत्र के अंत में सिंगापुर में होने वाली चैंपियनशिप की दौड़ में चौथे स्थान पर चल रही हैं. इस इंडियन प्लेयर को उम्मीद है कि चह टोक्यो और बीजिंग में अंक हासिल कर लेंगी.
किसी तरह का दबाव नहीं
यह पूछने पर कि क्या उन पर किसी का दबाव है. तो इसके जवाब में सानिया ने कहा,'नहीं ऐसा कुछ नहीं है. मैं उम्मीद करती हूं कि हम पदक के साथ लौंटेंगे. मुझे पता है कि मिक्स्ड और वुमेन डबल्स में संभावना काफी कम है, लेकिन मैं अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करूंगी.' एआईटीए के अध्यक्ष अनिल खन्ना ने बताया कि सरकार की ओर से कोई दबाव नहीं है. सानिया खेल रही हैं तो यह अच्छी खबर है.
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