एक फ़िल्म, तीन किरदार और तीनों किरदार के दो हमशक्ल और तीनों का एक ही नाम!! सोचकर ही सर चकराने लगता है लेकिन यही है साजिद ख़ान की नई फ़िल्म 'हमशक्लज़' की कहानी. इस फ़िल्म में मुख्य भूमिका निभा रहे हैं सैफ़ अली ख़ान, रितेश देशमुख, तमन्ना भाटिया, बिपाशा बासु, राम कपूर और एशा गुप्ता. हाल ही में मुंबई में इसका म्यूज़िक लॉन्च हुआ जहां बीबीसी से रूबरू हुए निर्देशक साजिद ख़ान.
'अंगूर' की रीमेक नहीं
निर्देशक साजिद ख़ान ने आख़िरी फ़िल्म 'हिम्मतवाला' बनाई थी जो साल 1983 में बनी उसी नाम की एक फ़िल्म का रीमेक थी. ये फ़िल्म बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह फ़्लॉप हुई.
'हमशक्लज़' एक कॉमेडी फ़िल्म है और ऐसी ख़बरें आ रही थीं कि ये फ़िल्म निर्देशक गुलज़ार की 'अंगूर' का रीमेक है. इस सवाल पर साजिद ने कहा,"ये फ़िल्म अंगूर की रीमेक बिलकुल नहीं है. मैंने ज़िन्दगी में एक रीमेक बनाई और उसके बाद क़सम खा ली कि अब कोई रीमेक नहीं बनाऊंगा.' "लेकिन इसमें सैफ़, रितेश और राम जो चरित्र निभा रहे हैं उससे मिलते जुलते चरित्र मैंने पहले अपने टेलीविज़न शोज़ पर लिए हुए हैं तो उन्हें लिखने में मुझे ज़्यादा दिक्क़त पेश नहीं आई."
वो आगे कहते हैं, "इस फ़िल्म में एक गाना है 'हम पागल नहीं हमारा दिमाग ख़राब है', ये मैं अपने एक टीवी शो में बोला करता था कि मैं पागल नहीं हूं मेरा दिमाग ख़राब है. तो इस फ़िल्म का आईडिया हमेशा से ही मेरे ज़ेहन में था."
स्क्रीनप्ले ने पुहंचाया मनोचिकित्सा केंद्र
फ़िल्म की कहानी लिखते हुए अक्सर फ़िल्म का लेखक उसमें पूरी तरह डूब जाता है. पर 'हमशक्लज़' का स्क्रीनप्ले लिखते हुए साजिद ख़ान पहुंच गए सीधा मनोचिकित्सा केंद्र!वो बताते हैं, "हमने बॉलीवुड में ट्रिपल रोल कई बार देखा है. 'जॉन जॉनी जनार्दन' में रजनीकांत ने ट्रिपल रोले निभाया,'महान' में अमिताभ बच्चन ने और 'बैराग' में दिलीप कुमार साहब ने किया था. पर एक ही फ़िल्म में तीन किरदार हों, तीनों के ट्रिपल रोल हो और तीनों का एक ही नाम हो ऐसा पहले कभी नहीं हुआ है."
साजिद आगे कहते हैं, "इसी वजह से इस फ़िल्म का स्क्रीनप्ले लिखने में मुझे थोड़ा वक़्त लगा और जब मैं स्क्रीनप्ले लिख रहा था, तो दो तीन बार अपना टेस्ट करवाने मैं मनोचिकित्सा केंद्र भी गया था क्योंकि मैं ख़ुद ही इस कहानी में बहुत उलझ गया था."
फ़ैमिली एंटरटेनर है 'हमशक्लज़'
'हमशक्लज़' के बारे में साजिद कहते हैं, "मैं एक ऐसी फ़िल्म बनाना चाहता था जिसमें एक नई तरह की कॉमेडी हो जिसे बच्चे और युवा पीढ़ी से लेकर वयस्क भी पसंद करें. एक ऐसी फ़िल्म जिसमें अश्लीलता न हो, डबल मीनिंग न हो और मैंने भरपूर कोशिश की है कि आपके ढाई घंटे बड़े मज़ेदार बीतें."साजिद ख़ान को इस फ़िल्म ने मनोचिकित्सा केंद्र तो पहंचाया ही साथ ही उनका वज़न भी घटा दिया.
इस फ़िल्म के दौरान उनका वज़न 20 किलो कम हो गया. साजिद ख़ान 108 किलो से 87 किलो के हो गए हैं. और ये बात साजिद ख़ान ने तब बताई जब हमनें उनसे फ़िल्म के आंकड़ों के बारे में बात की.
क्या लगता है उन्हें 'हमशक्लज़' 100 करोड़ का आंकड़ा पार कर जाएगी?
इस बात पर मुस्कुराते हुए उन्होनें कहा,"मैं इस बार आंकड़ों कि बात नहीं करूंगा, मैं बस यही कहूंगा कि मेरा वज़न 108 किलो से 87 किलो हो गया है और यही एक आंकड़ा है जिसके बारे में बात कर सकता हूं."
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