दो साल में बस तीन बार
सचिन तेंदुलकर को 2012 से 2018 के राज्यसभा सत्र के लिए सदस्यता ली थी. इनके साथ मशहूर एक्ट्रेस रेखा को भी राज्यसभा सांसद नॉमिनेट किया गया था. लेकिन इन दोनों की अटेंडेंस काफी लो रही है. गौरतलब है कि सचिन तेंदुलकर पिछले दो सालों में सिर्फ तीन बार ही सदन में आए हैं. लोगों को उम्मीद थी कि क्रिकेट से सन्यास लेने के बाद सचिन राज्यसभा में ज्यादा नजर आएंगे पर लोगों की अपेक्षाओं पर पानी फिर गया. रिटायरमेंट के बाद सचिन सिर्फ एक बार राज्यसभा आए. गौरतलब है कि दिसंबर 2013 से अब तक राज्यसभा की 35 बार मीटिंग्स हो चुकी हैं.
सेलेब्रिटीज कम आती हैं राज्यसभा
सचिन और रेखा के अलावा पहले भी ऐसी कई हस्तियां रह चुकी हैं जो राज्यसभा नाममात्र के लिए आईं हैं. इनमें फेमस पेंटर मकबूल फिदा हुसैन और फेमस सिंगर लता मंगेशकर का नाम शामिल है. एम एफ हुसैन को 1986-1992 के कार्यकाल में नामित किया गया था और लता मंगेशकर को 1999-2005 के कार्यकाल में नामित किया गया था.
अन्य क्षेत्रों के लोग देते हैं महत्व
राज्यसभा के लिए नामित फेमस हस्तियों के पास भले ही राज्यसभा के लिए टाइम ना हो लेकिन एकेडमिक, सिविल सर्विसेज, जर्नलिज्म और साइंस जैसे क्षेत्रों से जुड़े लोगों की प्रजेंस काफी अच्छी है. इन हस्तियों में जावेद अख्तर, शबाना आजमी, समाजसेवा से जुड़ी महिला अनु आगा, वरिष्ठ पत्रकार एच के दुआ, थिएटर में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले बी जयश्री, विधिवेत्ता के परासरन और जाने-माने वकील केटीएस तुलसी शामिल हैं. संविधान के आर्टिकल 80 के तहत राष्ट्रपति राज्यसभा में 12 सीटों पर अपने क्षेत्रों में अहम योगदान देने वाले लोगों को राज्यसभा सांसद के रूप में नामित करता है.
उठने लगे सवाल
इन सदस्यों की अबसेंस को लेकर राज्यसभा सदस्यों में सवाल उठने लगे हैं. इसमें राजद के सदस्य और पूर्व यूनियन मिनिस्टर प्रेमचंद गुप्ता ने ऐसे सदस्यों के नामांकन पर सवाल उठाया.
उनकी अनुपस्थिति पर राज्यसभा में सवाल उठाए जा रहे हैं. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की अध्यक्षता वाली पार्टी राष्ट्रिय जनता दल के सदस्य और पूर्व युनियन मिनिस्टर प्रेमचंद गुप्ता ने ऐसे सदस्यों के नामांकन पर ही सवाल खड़ा कर दिया है.
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