बीजिंग (एपी)। अंतर्राष्ट्रीय पैरालंपिक समिति (आईपीसी) ने अपना फैसला पलटते हुए रूस और बेलारूस के एथलीटों पर पैरालंपिक में खेलने पर प्रतिबंध लगा दिया है। बुधवार को आईपीसी ने इन एथलीटों को न्यूट्रल इंट्री देने की बात कही थी मगर 24 घंटे के भीतर कमेटी को अपना फैसला बदलना पड़ा। आईपीसी ने पहले कहा था कि रूसी और बेलारूसी एथलीटों को प्रतिस्पर्धा करने की अनुमति दी जाएगी मगर वह केवल तटस्थ एथलीटों के रूप में हिस्सा लेंगे यानी उन्हें अपने देश के रंग, झंडे और अन्य राष्ट्रीय प्रतीकों को इस्तेमाल करने नहीं दिया जएगा।
आईपीसी ने बदला अपना फैसला
अंतर्राष्ट्रीय पैरालंपिक समिति (आईपीसी) को अपने इस फैसले के बाद तत्काल काफी आलोचना का शिकार होना पड़ा। आईपीसी ने कहा कि यह स्पष्ट है कि कई एथलीट रूस या बेलारूसियों के खिलाफ प्रतिस्पर्धा करने से मना कर देंगे, जिससे पैरालिंपिक के लिए अराजकता पैदा होगी और प्रतिष्ठा को नुकसान होगा। आईपीसी के अध्यक्ष एंड्रयू पार्सन्स ने एक बयान में कहा, "पिछले 12 घंटों में बड़ी संख्या में सदस्य हमारे संपर्क में हैं।" "उन्होंने हमें बताया है कि अगर हम अपने फैसले पर पुनर्विचार नहीं करते हैं, तो अब इसके गंभीर परिणाम होने की संभावना है।"
असमंजस की स्थिति में
पार्सन्स ने कहा: "यह स्पष्ट है कि तेजी से बढ़ती स्थिति ने अब हमें खेलों की शुरुआत के करीब एक अनोखी और असंभव स्थिति में डाल दिया है।" IPC अब फ़ुटबॉल, ट्रैक, बास्केटबॉल, हॉकी और अन्य खेलों में शामिल हो गया है जिन्होंने रूसियों और बेलारूसियों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। बता दें आईओसी रूस पर नकेल कसने में धीमा रहा है, जिससे उसके एथलीटों को 2014 के शीतकालीन ओलंपिक में राज्य प्रायोजित डोपिंग घोटाले और कवरअप के बाद पिछले चार ओलंपिक में प्रतिस्पर्धा करने की अनुमति मिली है।
रूसी सेना की सजा भुगतेंगे एथलीट
रूस से उम्मीद की जा रही थी कि बीजिंग में 71 एथलीट प्रतिस्पर्धा करने वाले थे मगर अब वे टूर्नामेंट का हिस्सा नहीं बन पाएंगे। पार्सन्स ने रूसी और बेलारूसी एथलीटों को भी संबोधित करते हुए कहा, "प्रभावित देशों के पैरा एथलीटों के लिए, हमें बहुत खेद है कि आप उन फैसलों से प्रभावित हैं जो आपकी सरकारों ने पिछले हफ्ते ओलंपिक संघर्ष विराम को तोड़ने में लिए थे। आप अपनी सरकारों के कार्यों के शिकार हैं।"
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