संयुक्त राष्ट्र (पीटीआई)। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के यूक्रेन में सैन्य अभियान के एलान के बाद पूरी दुनिया में हड़कंप मच गया। पुतिन की सेना अब पीछे हटने को तैयार नहीं है। ऐसी स्थिति में दुनिया के बाकी देश इसके गंभीर परिणाम का आकलन करने लगे हैं। 15 देशों के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने बुधवार देर रात यूक्रेन में एक आपात बैठक की। जिसमें भारत ने रूस और यूक्रेन के बीच तनाव को तत्काल कम करने का आह्वान किया और आगाह किया कि अगर यह तत्काल नहीं रुका तो गंभीर स्थिति खड़ी हो जाएगी।
बैठकर निकाला जाए हल
यूएनएससी की बैठक चल रही थी, जिसके दौरान संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने पुतिन से "यूक्रेन पर हमला करने से अपने सैनिकों को रोकने" की सीधी अपील की। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने परिषद को बताया कि नई दिल्ली ने केवल दो दिन पहले यूक्रेन पर परिषद की बैठक में तनाव को तत्काल कम करने का आह्वान किया था और स्थिति से संबंधित सभी मुद्दों को हल करने के लिए निरंतर और केंद्रित कूटनीति पर जोर दिया था।
डी-एस्केलेशन की अपील की
भारत ने घटनाक्रम पर अपनी "गहरी चिंता" व्यक्त की, जिसे अगर सावधानी से नहीं संभाला गया, तो यह क्षेत्र की शांति और सुरक्षा को कमजोर कर सकता है। भारत ने तत्काल डी-एस्केलेशन और किसी भी आगे की कार्रवाई से परहेज करने का आह्वान किया जो स्थिति को और खराब करने में योगदान दे सकता है। उन्होंने कहा, "हमारा मानना है कि दोनों पक्षों के बीच निरंतर राजनयिक बातचीत से ही हल निकलेगा। इस बीच, हम अत्यधिक संयम बरतते हुए अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए सभी पक्षों की महत्वपूर्ण आवश्यकता पर जोर देते हैं।"
भारतीय नागरिकों की सुरक्षा का सवाल
तिरुमूर्ति ने यह भी बताया कि छात्रों सहित 20,000 से अधिक भारतीय नागरिक यूक्रेन के विभिन्न हिस्सों में स्थित हैं, जिसमें इसके सीमावर्ती क्षेत्र भी शामिल हैं। उन्होंने कहा, "हम भारतीय छात्रों सहित सभी भारतीय नागरिकों की वापसी की सुविधा प्रदान कर रहे हैं।" भारत ने संयुक्त राष्ट्र में अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार और संबंधित पक्षों द्वारा किए गए समझौतों के अनुसार विवादों के शांतिपूर्ण समाधान की आवश्यकता की लगातार वकालत की है।
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