इसकी प्रतिक्रिया में रूस ने पूर्वी यूक्रेन सीमा पर इकट्ठा अपनी सेनाओं से नए सैन्य अभ्यास शुरू करने के आदेश दिए हैं.
यूक्रेन के गृह मंत्रालय ने पांच अलगाववादियों के गुरुवार को मारे जाने की पुष्टि की.
समाचार एजेंसी रॉयटर ने यूक्रेन के गृह मंत्रालय के हवाले से बताया कि सेना के सहयोग से स्लाविआंस्क के उत्तरी पूर्वी भाग में सशस्त्र समूहों के तीन अवैध चेक प्वाइंट हटा दिए गए हैं.
शहर के पास यूक्रेन के सैनिक जमा हो रहे हैं. दर्जनों सैनिकों को सुरक्षा घेरा बनाते हुए देखा गया. उनके पास हल्की मशीनगनें और टैंकरोधी हथियार हैं.
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन को अपने ही नागरिकों के ख़िलाफ़ बल के प्रयोग पर गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी है.
हस्तक्षेप
जवाब में यूक्रेन के कार्यकारी राष्ट्रपति अलेक्जेंडर तुर्चिनोव ने रूस से हस्तक्षेप बंद करने को कहा है. एएफ़पी के अनुसार, उन्होंने कहा, ''किएफ़ किसी भी सूरत में आतंकवादियों की धमकियों के सामने नहीं झुकेगा.''
टीवी संबोधन में उन्होंने कहा, ''हम आतंकवादी धमकियों से डरने वाले नहीं. हम रूस से मांग करते हैं कि वह यूक्रेन के आतंरिक मामलों में हस्तक्षेप बंद करे और यूक्रेन की पूर्वी सीमा से सेनाएं हटाए.''
रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने अमरीका और यूरोपीय संघ पर ही पलटवार करते हुए कहा, ''यूक्रेन को मोहरा बनाकर भू-राजनीतिक खेल खेला जा रहा है''
रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शिइगु ने भी दावा किया कि यूक्रेन शांतिपूर्ण नागरिकों के ख़िलाफ़ बल प्रयोग कर रहा है. उन्होंने कहा, ''अगर यूक्रेन की सेना ने कार्रवाई बंद नहीं की तो हताहतों की तादाद काफ़ी बढ़ जाएगी.''
रूस ने पूर्वी यूक्रेन की सीमा पर मौजूद अपने 40 हजार सैनिकों को अभ्यास करने को कहा है.
जॉर्जिया सरीखी कार्रवाई की चेतावनी
रूस ने साफ़ कहा कि अगर यूक्रेन में उसके हितों पर आंच आई तो वैसी ही कार्रवाई करेगा, जैसी उसने वर्ष 2008 में ज़ॉर्जिया में की थी.
रूस ने अगस्त 2008 में दक्षिण ओस्तिया में तब सेनाएं भेज दी थीं, जबकि जॉर्जिया के तत्कालीन राष्ट्रपति मिखाइल सकाशविली ने पृथक हुए क्षेत्र में फिर से नियंत्रण करने की कोशिश की थी.
अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने रूस पर संकट ख़त्म करने के लिए हुए जिनेवा समझौते से मुकरने का आरोप लगाया है.
अमरीका ने रूस पर और कड़े प्रतिबंध लगाने की बात की है. हालांकि उन्होंने अमरीकी या नाटो सेनाओं को यूक्रेन भेजने से मना किया.
अलबत्ता अमरीका रूस के पडोसी पूर्वी यूरोपीय देशों में नाटो प्रतिरक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए अपने 600 सैनिकों को तैनात कर रहा है. फ्रांस ने बाल्टिक क्षेत्र में नाटो वायु निगरानी में मदद के लिए चार जेट भेजने की बात कही है.
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