बैदुल हक़ नासिर नाम के इस ‘दरियादिल’ चोर के बारे में पुलिस कहती है कि पिछले दो दशकों में उसने चोरी किए हज़ारों डॉलर अनाथालयों और मस्जिदों को दान में दिए हैं.
पुलिस के मुताबिक जिन संस्थानों को बैदुल ने पैसे दिए उन्हें जानकारी नहीं थी कि ये चोरी का पैसा है.बांग्लादेशी मीडिया में उन्हें आज का रॉबिनहुड कहा जा रहा है.अंग्रेज़ी किंवदंती में रॉबिनहुड एक ऐसा ‘अपराधी हीरो’ है जिसके बारे में कहा जाता है कि वो अमीरों को लूटता था और ग़रीबों को पैसा देता था.
'कुशल चोर'
गाँववालों का कहना है कि बैदुल एक दयालु व्यक्ति थे जो हर किसी की मदद के लिए तैयार रहते थे. लोगों को उनकी दौलत के असली स्रोत का पता नहीं था. वे देश के शायद सबसे कुशल चोर थे. वे कोई भी ताला खोल सकते हैं, बिना किसी औज़ार के किसी भी सोने की दुकान में प्रवेश कर सकते हैं.
पुलिस प्रमुख
पुलिस कहती है कि बैदुल हक़ नासिर के दोस्त, पड़ोसी और बिज़नेस सहयोगी उन्हें एक संपन्न बिज़नेसमेन मानते थे जो चिटगॉंग के पास एक बड़े से घर में रहते थे.
लेकिन अधिकारियों का कहना है कि असल में बैदुल एक ऐसे चोर थे जो घरों और दफ़तरों में चोरी करते थे, गहने भी चुराते थे और अंडरवर्ल्ड में भी उनके संबंध थे.पुलिस बताती है कि उनकी चोरियाँ सुनियोजित होती थी जिसमें हिंसा नहीं होती थी और वे इससे हज़ारों डॉलर कमाते थे.
कई कल्याणकारी कामों में पैसा दान करने के लिए उनका चिटगॉंग इलाक़े में काफ़ी नाम था.
पुलिस प्रमुख बाबुल अख़्तर बताते हैं, “गाँववालों का कहना है कि बैदुल एक दयालु व्यक्ति थे जो हर किसी की मदद के लिए तैयार रहते थे. लोगों को उनकी दौलत के असली स्रोत का पता नहीं था. वे देश के शायद सबसे कुशल चोर थे. वे कोई भी ताला खोल सकते हैं, बिना किसी औज़ार के किसी भी सोने की दुकान में प्रवेश कर सकते हैं.”
एक हफ़्ते की कोशिशों के बाद बैदुल हक़ नासिर को बुधवार को पकड़ा गया था. पुलिस का कहना है कि वे एक दुकान में चोरी करने के लिए घुस रहे थे और उन्हें एक कैमरे में क़ैद कर लिया गया.
पुलिस प्रमुख बताते हैं कि पकड़े जाने पर बैदुल ने उनके साथ सख़्ती न किए जाने की अपील की क्योंकि वे एक ‘दरियादिल’ चोर हैं.
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