सीनेट में पास हुआ प्रस्ताव
भारत में रिचर्ड राहुल वर्मा को अमेरिकी राजदूत बनाने के मुद्दे पर अमेरिकन सीनेट ने ध्वनि मत से सहमति प्रदान की. गौरतलब है कि रिचर्ड राहुल वर्मा अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की भारत यात्रा के बाद भारत में अपने पद को ग्रहण करेंगे. उल्लेखनीय है कि वर्मा ने भारत और अमेरिका के बीच परमाणु करार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. इसके साथ ही वर्मा ने प्रशासन में रहने के दौरान भारत और अमेरिका के मजबूत संबंधों की पैरोकारी की थी। हाल ही में उन्होंने शीर्ष अमेरिकी थिंक-टैंक-सेंटर फॉर अमेरिकन प्रोग्रेस में 'इंडिया 2020' नामक एक परियोजना की शुरुआत की है।पॉवेल के बाद से खाली थी पोजिशन
इंडिया में अमेरिकन राजदूत नेंसी पॉवेल के इस्तीफे के बाद से इंडिया में अमेरिकन राजदूत का पद खाली पड़ा हुआ था. गौरतलब है कि नेंसी पॉवेल ने मई 2014 में नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद इस्तीफा दे दिया था. गौरतलब है कि नेंसी पॉवेल के दौर में देवयानी खोबरागड़े के मामले ने तूल पकड़ लिया था.
सीनियर लॉ कमिश्नर थे रिचर्ड वर्मा
इंडिया में अमेरिकी राजदूत जैसे अहम पद के लिए चुने जाने से पहले रिचर्ड राहुल वर्मा एक अमेरिकी लॉ फर्म में सीनियर काउंसलर के रूप में काम कर रहे थे. गौरतलब है कि इस फर्म की चेयरपर्सन पूर्व अमेरिकरन विदेशमंत्री मेडलीन अलब्राइट हैं.Hindi News from World News Desk
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