चीन में लड़कियों की घटती संख्या ने वहां के लड़कों को 'वाइफ टूरिज्म' के लिए मजबूर कर दिया है। यानी कि चीनी लड़कों को वाइफ ढूंढने के लिए जगह-जगह टूर करने पड़ते हैं ताकि अपना पार्टनर ढूंढ सके। सबसे ज्यादा खेजबीन रूस में होती है क्योंकि यहां लड़कों की संख्या के मुकाबले लड़कियां काफी ज्यादा हैं। इसके अलावा इन चीनी लड़कों को नीली आंखों और गोरे रंग वाली दुल्हन चाहिए, जो रूस में आसानी से मिल सकती हैं।
कैसे मिलती है दुल्हन
आपने शादी कराने वाली तमाम वेबसाइट के बारे में सुना होगा। इन वेबसाइट का काम होता है दो लोगों को आपस में मिलाना, अगर बात जम गई तो शादी पक्की हो जाती है। रूस में भी कुछ इसी तर्ज पर एक मैरिज एजेंसी काम करती है। यह एजेंसी चीन से आने वाले बड़े-बड़े उद्योगपतियों की मीटिंग रूसी महिलाओं से करवाती है।
एक मुलाकात के लाखों रुपये
वाइफ टूर पर आना आम इंसानों के बस की बात नहीं। इन मीटिंग में काफी खर्चा होता है। मसलन कुछ घंटों के लिए लगभग लाखों रुपये देने पड़ते हैं। हालांकि यह मुलाकात काफी सभ्य तरीके से होती है। रूस के साइबेरिया में अक्सर इस तरह की मीटिंग देखने को मिल जाती हैं।
लड़के ऐसे करते हैं इंप्रेस
रूसी लड़कियों की चाह में चीन से आए कुंवारे कुछ भी करने को तैयार रहते हैं। यहां आने वाली सभी लड़कियों की उम्र 35 साल से कम होती है। इन्हें इंप्रेस करने के लिए लड़के गाना गाते हैं तो कोई सैक्सोफोन बजाता है।
आपको बताते चलें कि चीन में हर 100 महिलाओं पर 120 आदमी हैं। यानी कि पुरुषों की संख्या औरतों की संख्या से 34 मिलियन ज्यादा है। ऐसे में जो रईस चीनी पुरुष हैं वह दुल्हन लेने रूस आ जाते हैं। रूस में हर 85 आदमी पर 100 महिलाएं हैं। यानी कि यहां पुरषों की संख्या कम है।
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