आमतौर पर चूहों को नुकसान करने वाला या शरारती माना जाता है, लेकिन अब एक स्डटी में दावा किया गया है कि चूहे दयालू और उदार होते हैं.
ऐसे हुए रिसर्च
शिकागो यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने प्रयोग के लिए चूहों को जोड़ों में रखा ताकि वे एक दूसरे को जान सकें. इसके बाद उन्होंने एक को चूहेदानी के भीतर एक पारदर्शी ट्यूब के भीतर रख दिया और पाया कि दूसरा चूहा काफी निराश हुआ और उसे बाहर निकालने का प्रयास करने लगा. हैरान करने वाली बात तब सामने आई जब उन्होंने देखा कि चूहेदानी में फंसे अपने साथी के लिए बाहर का चूहा काफी परेशान नजर आया. दिलचस्प बात यह पाई गई कि चुहिया चूहों की तुलना में अधिक संवेदनशील नजर आई.
डेली मेल के अनुसार प्रयोग के दौरान पाया गया कि चूहेदानी में फंसे चूहे को देखकर आसपास चक्कर लगाता दूसरा चूहा काफी गुस्से में है. इससे साबित हुआ कि वह तकलीफ देखकर व्यथित है. इससे भी अधिक चौंकाने वाली बात यह रही कि आजाद चूहा यह समझ गया कि कैसे ट्यूब से उसे निकाला जा सकता है.
काफी इमोशनल था
‘साइंस’ मैग्जीन में पब्लिश रिपोर्ट में स्टडी के अगुआ इनबाल बेन..एमी बर्टल ने कहा कि हम इन चूहों को ट्रेंड नहीं कर रहे हैं. वे अंदर की भावना से प्रेरित होकर सीख रहे है. हम उन्हें नहीं दिखा रहे कि कैसे चूहेदानी का दरवाजा खोला जाए. बर्टल ने कहा कि दरवाजा खोलना काफी कठिन था, लेकिन वे अनवरत प्रयास करते रहे और आखिरकार सफल रहे. प्रयोग में पाया गया कि चूहेदानी में रखे गए खिलौने को छुड़ाने में चूहों की दिलचस्पी नहीं थी. वास्तविक चूहे के लिए ही वे बैचेन थे.
प्रयोग के अगले चरण में उन्हें चाकलेट लेकर लालच दिखाकर परखा गया. हैरानी की बात थी कि आजाद चूहे ने फंसे साथी को मुक्त कराने तक मनपसंद चाकलेट नहीं खाया. रिसर्चर्स पेगी मैसन ने कहा कि यह काफी इमोशनल था. चाकलेट की तुलना में चूहेदानी में फंसे चूहे की आजाद चूहे को अधिक चिंता थी. हम हतप्रभ थे. रिपोर्ट के अनुसार चूहे की तुलना में चुहिया का अपने साथी को छुडाने के लिए किया गया अधिक प्रयास मातृत्व के गुण को दर्शाता है कि वे अधिक उदार और दयालू होती हैं.
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