यूनिवर्सिटी ऑफ मेड्रिड द्वारा किशोरों पर कराए गए रिसर्च में पाया गया है कि रात मे जाग कर काम करने वाले और सुबह देर से उठने वाले किशोर सुबह जल्द उठने वाले किशोरों की तुलना में ज्यादा तेज दिमाग के होते हैं. साइंटिफिक रिसर्च में पाया गया है कि अच्छे पदों और अच्छी वेतन वाली नौकरियों में ज्यादातर वही लोग काम करते हैं, जो रात में जागने वाले होते हैं.
'द इंडिपेंडेंट' न्यूजपेपर की रिपोर्ट के मुताबिक, सुबह जल्दी जागने वाले किशोरों को स्कूल में अच्छे अंक तो मिलते हैं, लेकिन उनकी सोच मौलिक नहीं हो पाती है. इस रिसर्च के तहत करीब एक हजार से अधिक किशोरों में भाग लिया. सुबह जल्दी उठने वाले और रात में उल्लुओं की तरह जागने वाले स्टूडेंट्स की स्कूल में प्रजेंटेशन, अहम सब्जेक्ट में क्वालिफिकेशन को काउंट किया गया. रिसर्च में पाया गया कि चार में से महज एक स्टूडेंट्स ऐसा था, जो सुबह जल्दी उठता था. वहीं 32 परसेंट रात में जागने वाले स्टूडेंट थे.
वहीं बाकी बचे स्टूडेंट्स ऐसी किसी भी कैटेगरी में नहीं आते थे. रिसर्च के मुताबिक, रात में जागने वाले बच्चों ने रीजिनिंग के सब्जेक्ट में सुबह जल्दी उठने वाले स्टूडेंट्स से ज्यादा अंक हासिल किए थे, जिससे उनके सामान्य ज्ञान, शैक्षिक योग्यता का पता चलता है. रिसर्च के मुताबिक, रात में जागने वालों का सामान्य ज्ञान बेहतर होने का अर्थ है कि उनके पास मौलिक सोच है. इससे वे अच्छे पदों और उच्च वेतन वाली नौकरियां हासिल करते हैं.
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