मोदी का मन की बात में 31वां संबोधन
संडे को प्राइम मिनिस्टर नरेंद्र मोदी ने 'मन की बात' में एक बार फिर वीआईपी कल्चर पर निशाना साधा। 31वीं बार रेडियो पर 'मन की बात' में बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि कानून बनाने के साथ हमें दिमाग से भी लालबत्ती निकालनी होगी। उन्होंने कहा कि वीआईपी कल्चर के प्रति लोगों में काफी रोष है। पीएम ने कहा कि अब कितना भी बड़ा व्यक्ति क्यों न हो, वह लालबत्ती नहीं लगा सकेगा।
दिमाग से भी लाल बत्ती निकले
मोदी ने वीआईपी कल्चर पर कहा कि इसकेप्रति देश में नफरत का माहौल है। लोगों के दिमाग से भी लाल बत्ती जानी चाहिए। वीआईपी कल्चर सामान्य लोग पसंद नहीं करते, लेकिन ये इतना गहरा है इसका मुझे अभी-अभी अनुभव हुआ। न्यू इंडिया में वीआईपी की जगह ईपीआई को महत्व देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि देश में नई व्यवस्था के बाद अब कितना भी बड़ा शख्स हो, लाल बत्ती का प्रयोग नहीं कर सकेगा।
पशु-पक्षियों की चिंता करें
समाज के लिए कुछ कर गुजरने वाले लोगों के प्रति आभार व्यक्त करता हूं। गर्मी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा मार्च-अप्रैल में मई-जून जैसी गर्मी हो रही है। ज्यादातर लोगों ने गर्मी से जुड़े हुए सुझाव दिए हैं। इस गर्मी में सामूहिक रूप से पशु-पक्षियों को बचाने का प्रयास होना चाहिए। गर्मियों में कई लोगों ने पक्षियों की चिंता की है। जलवायु परिवर्तन आज की बड़ी समस्या है। 2022 तक देश को आगे ले जाने का संकल्प लें।
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कहीं रोबोट तो नहीं बन रही युवा पीढ़ी
मन की बात में युवाओं की सोच में तेजी से आते बदलाव पर चिंता जाहिर करते हुए पीएम मोदी ने कहा युवा आराम-तलब जिंदगी पसंद कर रहे हैं। उन्हें अपनी जीवनशैली को बदलना चाहिए। उन्होंने युवाओं से अपील की कि गरीब बच्चों के साथ खेल का आनंद लीजिए। गर्मी की छुट्टियों में नए प्रयोग कीजिए। ऑउट ऑफ बॉक्स सोचें युवा। युवा देश की विविधता को जानें। दुनिया को देखने-समझने से सीखने को मिलता है। युवा यात्रा करें और अपने अनुभव को लिखें' साझा करें। घूमने के दौरान फोटो खींचें और उसे IncredibleIndia के साथ शेयर करें। टेक्नोलॉजी से दूर, खुद के साथ समय गुजारने का प्रयास करें, संगीत का कोई वाद्ययंत्र सीखें या कोई नई भाषा के 50 वाक्य सीखें।
डाक टिकट होगा जारी
1 मई को मनाए जाने वाले श्रमिक दिवस का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि श्रमिकों को बाबा साहेब ने सम्मान दिलाया। उन्होंने कहा भारत में हमेशा 'सबका साथ, सबका विकास' इसी मंत्र को ले कर आगे बढऩे का प्रयास किया गया है। भारत सरकार 1 मई को 'संत रामानुजाचार्य जी' की स्मृति में एक डाक टिकट जारी करने जा रही है। इस साल हम 125 करोड़ देशवासी सामाजिक एकता और संगठन में शक्ति है, इस भाव को जगाने के लिए संत रामानुजाचार्य जी की 1000वीं जयंती मना रहे हैं।
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आउट ऑफ बॉक्स सोचें युवा
युवाओं की सोच में तेजी से आते बदलाव पर चिंता जाहिर करते हुए पीएम मोदी ने कहा युवा आराम तलब जिंदगी पसंद कर रहे हैं। उन्हें अपनी जीवनशैली को बदलना चाहिए। उन्होंने युवाओं से अपील की कि गरीब बच्चों के साथ खेल का आनंद लीजिए। गर्मी की छुट्टयों में नए प्रयोग कीजिए। आउट ऑफ बॉक्स सोचे युवा। युवा देश की विविधता को जानें। दुनिया को देखने-समझने से सीखने को मिलता है। युवा यात्रा करें और अपने अनुभव को लिखें, साझा करें। घूमने के दौरान फोटो खींचे और सोशल मीडिया पर शेयर करें। टेक्नोलॉजी से दूर, खुद के साथ समय गुजारने का प्रयास करें, संगीत का कोई वाद्ययंत्र सीखें या कोई नई भाषा के 50 वाक्य सीखें।
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पड़ोसियों को भारत का तोहफा
अंतरिक्ष में अपने लिए एक अलग स्थान बना रहा भारत इस हफ्ते दक्षिण एशिया उपग्रह के माध्यम से अपने पड़ोसियों को एक नया उपग्रह उपहार में देने वाला है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने कहा कि भारत अपने पड़ोसियों के लिए अपना दिल खोल रहा है। कुल 12 साल के जीवनकाल के इस उपग्रह के लिए इसके भागीदार देशों को लगभग 150 करोड़ डॉलर का खर्च आएगा। ये उपग्रह अंतरिक्ष आधारित प्रौद्योगिकियों के बेहतर इस्तेमाल में मदद कर सकता है। जोकि टेलीकम्यूनिकेशन और प्रसारण संबंधी सेवाओं जैसे टीवी, डीटीएच, वीसैट, टेलीएजुकेशन, टेलीमेडिसिन और आपदा प्रबंधन सहयोग को संभव बनाएगा। इस उपग्रह में भागीदार देशों के बीच हॉट लाइन उपलब्ध करवाने की भी क्षमता है। चूंकि यह क्षेत्र भूकंप, चक्रवातों, बाढ़, सुनामी आदि के लिहाज से संवेदनशील है, इसलिए ये आपदा के समय पर उपयोगी संवाद लिंक स्थापित करने में भी मदद कर सकता है।
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