कहानी:

तीन मंज़िल की एक मुम्बइया चाल में कई कहानियां है, जो हमारे आस पास की कहानियों से मिलती हैं। क्या हैं ये कहानियां जानने के लिए फिल्म देखिये।

'3 स्टोरीज' मूवी में सबको चौंकाने आईं रेणुका शहाणे,परत दर परत खुलेंगे जिंदगी के राज


समीक्षा
:

कायदे से तो इस फ़िल्म की समीक्षा कहानी दर कहानी होनी चाहिए पर अगर आपको कहानियां सुनाने बैठ गया तो पेज भर जाएगा इसलिए सीधे बात करते हैं कि फिल्म ओवरआल कैसी है। फ़िल्म में एक सूत्रधार की भूमिका है जो ऋचा चड्ढा ने प्ले की है। कहानियां सुनाने का तरीका और उनको जोड़ने की कोशिश सराहनीय है पर फिर भी कोशिश पूरी तरह से काम नहीं करती, कहानियों का आपसी तारतम्य थोड़ा ऑफ है। फिल्म में रोमांच पैदा करने के लिए कुछ टि्वस्ट और टर्न भी जोड़ने की कोशिश की गई है पर फिर भी सारी कहानियां सीमलेस्ली नहीं जुड़ती जैसे कि फ़िल्म लाइफ इन आ मेट्रो में जुड़ती थीं। सारी कहानियां बेसिकली अलग अलग ही रहती हैं बस एक ही चीज उन्हें एक्चुअल लिंक करती है वो है 'चाल'। शायद इस बात के थ्रू डिरेक्टर ये कहना चाह रहे थे ये दुनिया एक इमारत है जिसमे हम सबकी अपनी अपनी एक कहानी है और हर कहानी के हम किरदार है और अपनी अपनी कहानी के लेखक भी। फ़िल्म की राइटिंग अनईवेन है और हर कहानी ठीक से नहीं लिखी गई है इसलिए फ़िल्म में इंटरेस्ट बीच बीच मे डोलने लगता है पर ओवरआल निर्देशन बाकी काफी फिल्मों से बेहतर है।

'3 स्टोरीज' मूवी में सबको चौंकाने आईं रेणुका शहाणे,परत दर परत खुलेंगे जिंदगी के राज

 

अदाकारी:

रेणुका शहाणे इस फ़िल्म में अपनी खिलखिलाती इमेज से अलग हटकर एक ऐसे रोल को सपोर्ट करती हैं जो उनकी एक्टिंग टैलेंट को शोकेस करती है। पिछले हफ्ते एक रद्दी परफॉर्मेन्स देने के बाद इस फ़िल्म में पुलकित एक बढ़िया परफॉर्मेन्स देते हैं भले ही उनका रोल छोटा है, उनको ऐसी और फिल्मे करनी चाहिए। ऋचा और शरमन तो अच्छे एक्टर हैं ही और वो अपने अपने रोल को ठीक से निभाते हैं। मासुमेह अपने किरदार के लिए गलत कास्टिंग हैं, इस रोल में राधिका आप्टे होती तो कुछ और ही बात होती।

 

 

 

कुल मिलाकर 3 स्टोरीज़ एक बढ़िया अटेम्प है पर ये फ़िल्म काफी बेहतर हो सकती थी। पर फिर भी इस हफ्ते रिलीज़ हुई फिल्मों में से अकेले यही ऐसी फिल्म है जिससे आप हम और हमारे जैसे कॉमन लोग कहीं न कहीं किसी न किसी तरह से कनेक्टेड फील करेंगे। 3 स्टोरीज कहानियों की वजह से नहीं किरदारों की वजह से देखिए, क्योंकि कहानियां तो आपके हमारे ज़िन्दगी जैसी हैं।

रेटिंग : 3 – ½ STAR


Review by : Yohaann Bhargava

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