हो सकता है कि आपको लगे कि पॉजिटिव इमोशंस तो हमेशा ही अच्छे ही होते हैं, लेकिन यही पॉजिटिव मूड कई दिनों या हफ्तों तक रहे तो परेशान होने की वजह सॉलिड है. क्लिनिकल साइकियाट्रिस्ट अलीम सिद्दिकी के मुताबिक लम्बे वक्त तक बहुत खुश होना कुछ ऐसा ही है जितना ही लम्बे वक्त तक डिप्रेशन में रहना. अलीम इसे बाईपोलर डिसऑर्डर का सिम्पटम बताते हैं. अलीम के मुताबिक इस डिसऑर्डर को कई लोग रिकग्नाइज नहीं कर पाते जबकि यह कॉमन डिसऑर्डर है.
What’s the Bipolar Disorder?
आमतौर पर हम सभी के मूड स्विंग्स होते हैं. कभी खुशी होती है तो कभी टेंशन और फ्रस्ट्रेशन भी होता है. यह जिंदगी का हिस्सा है, लेकिन ये मूड स्विंग्स 20 या 25 दिन से ज्यादा दिन तक रह गया तो ये बाईपोलर डिसऑर्डर है. अलीम सिद्दिकी कहते हैं, ‘इसमें निगेटिव और पॉजिटिव दोनों तरह के इमोशंस हावी हो जाते हैं. आमतौर पर शुरू के 20 से 25 दिन तक लगातार लोग डिप्रेशन में होते हैं लेकिन बाद में बहुत खुश होते हैं. इन दोनों ही कंडिशन में रेग्युलर काम को सही तरीके से कर पाना मुश्किल होता है.’
Symptoms
Manic: बहुत खुश होने के एक्सट्रीम पर होते हैं तो यह मेनिक कंडिशन है. इसमें आप को लगता है कि आप कुछ भी हासिल कर सकते हैं. इम्पॉसिबल तो कुछ है ही नहीं. अननेससरी ओवरकांफिडेंस, नए-नए प्लान बनाना, एनर्जेटिक होना, रेस्ट की कोई जरूरत महसूस नहीं करना, बहुत थोड़ी देर के लिए सोना या कई बार नींद न आना मेनिक कंडिशन के सिम्पटम्स हैं. हो सकता है कि आपको लोग कोई काम धीरे-धीरे करने की सलाह भी दें.
Depression: इसमें मेनिक के ठीक अपोजिट सिम्पटम्स होते हैं. जैसे लगता है सब कुछ बर्बाद हो गया, अब कुछ भी नहीं हो सकता. भूख नहीं लगना, बहुत उदास रहना, किसी चीज में इंट्रेस्ट ना लेना, नींद नहीं आना और थका महसूस करना इसके सिम्पटम्स हैं.