पेनाल्टी लागू हो सकती:
यदि आपकी आय 2.5 रुपये से अधिक है तो आपको आयकर रिटर्न फाइल करने की आवश्यकता है। इसमें वेतन, घर या संपत्ति, पूंजी लाभ, व्यवसाय या किसी अन्य स्रोत से होने वाली आय इसमें शामिल होगी। ऐसे में अगर आप इतना सब कुछ होने के बाद आप अपनी रिटर्न फाइल नहीं करते हैं, तो आईटी विभाग से आप पर पेनाल्टी लागू हो सकती है। वहीं यदि आपकी आय 2.5 लाख रुपये से नीचे है तो आप आयकर का भुगतान करने में छूट पा सकते हैं।
ऑनलाइन भरना जरूरी:
ऑनलाइन आयकर रिटर्न फाइल करना काफी आसान है। इसके लिए https://incometaxindiaefiling.gov.in पर रजिस्टर्ड करना होगा। बतादें कि अगर आपकी आय 5 लाख रुपये या फिर इससे अधिक तो ऑनलाइन रिटर्न ऑनलाइन भरना अनिवार्य है। आयकर रिटर्न भरने में भारत से बाहर की संपत्ति रखने का भी ब्योरा देना पड़ता है। ऑनलाइन की प्रक्रिया सुरक्षित होने के साथ ही इसे कहीं से भी इंटरनेट के जरिए भरा जा सकता है।
इस तरह इनकम टैक्स:
अगर आपकी एनुअल इनकम 2.5 रुपये है तो आपको यह इनकम टैक्स भरने की जरूरत नहीं है। वहीं अगर इनकम 2.5 से 5 लाख रुपये है तो 10% के हिसाब से टैक्स भरना होगा। अगर 5 लाख रुपये से 10 लाख रुपये सालाना है तो इसमें 20% टैक्स और अगर 10 लाख रुपये से अधिक है तो 30% टैक्स का भुगतान करना होगा। हालांकि यह यहां पर यह बताना जरूरी है कि कर की दर 10% उन लोगों के लिए जो वित्त वर्ष 2016-17 के लिए रिटर्न दाखिल कर रहे हैं। सरकार ने 2017-18 के वित्तीय वर्ष के लिए कर की दर को 5% तक संशोधित किया है।
आवश्यक दस्तावेज:
आयकर रिटर्न फाइल करने के लिए आपके पास एक स्थायी खाता संख्या (पैन) कार्ड होना चाहिए। इसके साथ ही आपके पास पता प्रमाण और पहचान प्रमाण भी होना जरूरी है। हालांकि अब पैन कार्ड भी पहचान प्रमाण के रूप में काम करता है। इसके अलावा बैंक खाता विवरण भी प्रदान किया जाना चाहिए। सरकार ने 1 जुलाई 2017 से रिटर्न दाखिल करने के लिए आधार संख्या के साथ अपने पैन कार्ड को संलग्न करना अनिवार्य कर दिया है। इसके अलावा वेतनभोगी लोगों को फॉर्म 16 की आवश्यकता है। फॉर्म 16 आपका टीडीएस प्रमाण पत्र है जो कि आपकी आमदनी से कितना कर काटा जाता है। इसे प्रमाणित करता है।
चार्टर्ड अकाउंटेंट की मदद:
यदि आप होम लोन रिपेमेंट स्कीम के तहत कटौती का दावा करते हैं तो इस दौरान घर का पता प्रमाण में देना होगा। इसके अलावा ऋणदाता या बैंक द्वारा प्रदान किए गए गृह ऋण ब्याज प्रमाण पत्र, और मालिक के विवरण जमा करना अनिवार्य होगा। वहीं यदि आप फिक्स्ड डिपॉजिट्स, गोल्ड, प्रॉपर्टीज़, म्यूचुअल फंड्स, या इक्विटी में निवेश करते हैं और इससे मुनाफा कमाते हैं, तो आपको इसे अपने कर घोषणा में दाखिल करना अनिवार्य होगा। लांगटर्म यानी कि दीर्घकालिक और शार्टटर्म यानी कि अल्पकालिक पूंजी लाभ पर कर की दरों को भी जानना महत्वपूर्ण है। हालांकि दोनों की दरें अलग-अलग हैं। हालांकि पहली बार आयकर रिटर्न भरने में किसी सक्षम चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) की मदद लेना बेहतर होगा।
अब ऑनलाइन सामान पर एमआरपी और प्रोडक्ट से जुड़ी होगी हर डिटेलBusiness News inextlive from Business News Desk
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