कानपुर। आरडी बर्मन का जन्म 27 जून, 1939 को हुआ था। आरडी बर्मन के पिता सचिन देव बर्मन(एसडी बर्मन) भी बाॅलीवुड के जाने माने म्यूजिक डायरेक्टर रहे हैं और उनकी मां मीरा गानों के बोल लिखा करती थीं।
पंचम नाम से मिली पहचान
आरडी बर्मन को निक नेम पंचम कह कर पुकारा जाता था। हालांकि उनकी नानी उन्हें प्यार से तुबलू बुलाती थीं। बचपन में वो जब भी रोते थे तो उनके उस रोने में सुरों के पांचवे नोट 'पा' की आवाज आती थी। इसलिए उनका नाम पंचम पड़ गया जो उनके असली नाम से भी ज्यादा फेमस हुआ।
9 साल की उम्र में पहला गाना किया कंपोज
9 साल की उम्र में पंचम ने पहला गाना कंपोज किया था। ये गाना था 'ऐ मेरी टोपी पलट के आ'। इस गाने को उनके पिता एसडी बर्मन ने फिल्म 'फनटूश' में लिया था जो 1956 में रिलीज हुई थी। कहते हैं गाना 'सर जो तेरा चकराए' भी आरडी बर्मन ने ही कंपोज किया था। एसडी बर्मन ने वो गाना फिल्म 'प्यासा'(1957) में फिल्माया था पर उसका क्रेडिट आरडी बर्मन को नहीं दिया।
इन फिल्मों में रहे म्यूजिक असिस्टेंट
मिड डे की एक रिपोर्ट के मुताबिक पंचम ने कई फिल्मों में म्यूजिक असिस्टेंट के तौर पर काम किया। इनमें फिल्म कागज के 'फूल'(1959), 'बंदिनी' (1963) और 'गाइड'(1965) शामिल है। वहीं पंचम ने अपने पिता के कंपोज किए हुए साॅन्ग 'है अपना दिल तो आवारा' में माउथ ऑर्गन प्ले किया था।
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बतौर म्यूजिक डायरेक्टर पहली फिल्म
पंचम ने बतौर म्यूजिक डायरेक्टर पहली बार फिल्म 'राज'(1959) में काम किया। यह गुरु दत्त के असिस्टेंट निरंजन की फिल्म थी। हालांकि ये फिल्म कभी बन ही नहीं पाई। वहीं बात करें उनके आखिरी साॅन्ग की तो 1994 में रिलीज हुई '1942-अ लव स्टोरी' बतौर म्यूजिक डायरेक्टर उनकी आखिरी फिल्म थी। ये फिल्म उनके निधन के तीन महीने बाद रिलीज हुई थी।
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