बहुत अधिक ब्याज वसूला जा रहा
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने कल बुधवार को अपनी एक रिपोर्ट से ग्राहकों को काफी हद तक राहत दिया है. बैंक अब तक क्रेडिट कार्ड बकाया पर भारी-भरकम ब्याज को सही ठहराते आए हैं. बैंको को लगता है कि यह अनसिक्योर्ड लोन होता है. इसमें डिफॉल्ट का रिस्क अधिक रहता है. हालांकि, कंज्यूमर असोसिएशंस इसे पहले ही बैंकों की ज्यादती बता चुकी है. रिपोर्टस में साफ है कि कि क्रेडिट कार्ड पर बकाया रकम पर बहुत अधिक ब्याज वसूला जा रहा है. यह इसी तरह के रिस्क प्रोफाइल वाले दूसरे प्रॉडक्ट्स की तुलना में बहुत ज्यादा साबित हो रहा है. वहीं रिजर्व बैंक की बैंकिंग ओम्बड्समैन पर 2013-14 की एनुअल रिपोर्ट कहा गया है कि क्रेडिट कार्ड बकाया पर वाजिब ब्याज वसूलना चाहिए. इंडियन बैंक्स असोसिएशन बहुत जल्द इस बारे में बैंकों का मार्गदर्शन करेगी और इसके लिए एक गाइड लाइन जारी करेंगी.

पिछले साल से अधिक थी शिकायतें
आरबीआई की मानें तो क्रेडिट कार्ड बकाया पर बेस रेट 10-10.5 पर्सेंट है, जबकि बैंक 36 पर्सेंट तक ब्याज वसूल रहे हैं. फाइनेंसियल ईयर 2014 में क्रेडिट कार्ड पर एवरेज मंथली खर्च 12,035 करोड़ रुपये था, जो इस फाइनैंशल ईयर में अप्रैल से अक्टूबर के बीच 15,470 करोड़ रुपये हो चुका है. हालांकि अभी भारत में दो करोड़ क्रेडिट कार्ड यूजर्स हैं. बावजूद इसके 2013-14 में बैंकिंग ओम्बड्समैन को 76,573 शिकायतें मिली थीं. जिनमें सबसे ज्यादा करीब 24 पर्सेंट क्रेडिट कार्ड से जुडी थी. इसके बाद उसमें  डेबिट कार्ड और एटीएम कार्ड से जुड़ी समस्याएं भी थी. इस साला मिली शिकायते पिछले साल से 8.5 पर्सेंट अधिक थीं.

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