7.75 परसेंट पर है रेपो रेट
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने वित्त वर्ष 2014-15 में मंगलवार को समीक्षा करते हुये प्रमुख दरों को अपरिवर्तित रखा है. इसके तहत रेपो रेट वही पुराने 7.75 परसेंट पर है, वहीं रिवर्स रेपो रेट 6.75 फीसदी है. हालांकि RBI ने वैधानिक तरलता अनुपात (SLR) रेट 50 आधार अंक घटाकर 21.5 परसेंट कर दी है, जोकि 7 फरवरी से लागू होगी. आपको बता दें कि RBI गवर्नर रघुराम राजन ने अगस्त, 2013 में पदभर संभालने के बाद 16 जनवरी 2015 को पहली बार दरों में कटौती की घोषणा की थी.

मंहगाई दर हुई कंट्रोल
गौरतलब है कि आर्थिक विकास को रफ्तार देने के लिये रिजर्व बैंक द्वारा नीतिगत दरों में एक चौथाई परसेंट की और कटौती करने का अनुमान लगाया जा रहा था. हालांकि इस कटौती के पीछे सबसे मुख्य कारण है, मंहगाई दर घटना. एक ओर जहां मंहगाई दर कंट्रोल में है, तो वहीं दूसरी ओर कोल इंडिया के रिकॉर्ड विनिवेश से राजकोषीय स्थिति बेहतर दिख रही है.

0.25 परसेंट की कटौती से बाजार उछला
रिजर्व बैंक ने पिछले महीने रेपो रेट में 0.25 परसेंट की कटौती कर बाजार को सुखद आश्चर्य में डाल दिया था. 20 महीने तक कड़ा रुख अपनाने के बाद RBI ने पहली बार रुख को नरम किया. बैंकरों व अर्थशास्त्रियों के अनुसार खुदरा और थोक मंहगाई दर के नीचे आने से रिजर्व बैंक के पास ब्याज दरों में और कमी की गुंजाइश बनी है. कोल इंडिया में विनिवेश के जरिये सरकार के खजाने में 22,577 करोड़ रुपये आए हैं. इससे राजकोषीय मोर्चे पर चिंता कम हुई है. रिजर्व बैंक ने पिछले माह रेपो दर को आठ से घटाकर 7.75 फीसद करते हुए कहा था कि ब्याज दरों में और कटौती मुद्रास्फीति के रुख और राजकोषीय स्थिति पर निर्भर करेगी.

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