मुंबई (पीटीआई)। लगातार दूसरी बार यथास्थिति बरकरार रखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को प्रमुख ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। ब्याज दर को अब भी 4 प्रतिशत पर ही बरकरार है। हालांकि आरबीआई ने संकेत दिया है कि कोविड-19 संकट से अर्थव्यवस्था को राहत देने के लिए भविष्य में वह ब्याज दरों में जरूरत पड़ने पर कटौती कर सकता है।
रिवर्स रेपो रेट में भी नहीं हुआ परिवर्तन
प्रमुख ब्याज दर रेपो रेट अभी 4 प्रतिशत पर है। इसमें कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को आरबीआई की माॅनिटरी पाॅलिसी कमेटी (एमपीसी) के निर्णय से अवगत कराया। रिवर्स रेपो रेट में भी कोई बदलाव नहीं किया गया है यह पहले की तरह 3.35 प्रतिशत पर है। अपने यहां डिपाॅजिट रखने पर आरबीआई बैंकों को इसी दर पर ब्याज का भुगतान करता रहेगा।
22 मई को की थी ब्याज दर में कमी
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि एमपीसी ने ब्याज दरों में बदलाव नहीं करने को लेकर वोट दिया और विकास को सहारा देने के लिए उदारता बरतने का निर्णय लिया। आरबीआई ने अपनी मौद्रिक नीतियों में अंतिम बार 22 मई को बदलाव किया था। मांग को बढ़ाने के लिए आरबीआई ने ऐतिहासिक रूप से ब्याज दरों में कटौती की थी।
एक बार टल चुकी थी एमपीसी की बैठक
ब्याज दरों के लिए बनाई गई एमपीसी की 25वीं बैठक 7 अक्टूबर को शुरू हुई थी। इसमें तीन नये एक्सटर्नल मेंबर आशिमा गोयल, जयंत आर वर्मा और शशांक भिड़े शामिल थी। नये सदस्यों की नियुक्ति बैठक से एक दिन पहले हुई थी। इनका कार्यकाल चार साल के लिए होगा। एमपीसी की बैठक 29 सितंबर और 1 अक्टूबर को होनी थी पर एक्सटर्नल मेंबरों की नियुक्ति न होने से इसे टालना पड़ा था।
एमपीसी पर ब्याज दर तय करने का भार
2016 से ब्याज दरें निश्चित करने में सरकार भी शामिल हो गई। आरबीआई गवर्नर के अलावा 6 सदस्यों का एमपीसी पैनल आरबीआई की प्रमुख दरों को तय करते आ रहा है। इसमें आधे सदस्य गवर्नर की अगुआई में होते हैं जबकि बाकी एक्सटर्नल सदस्य स्वतंत्र होते हैं। एमपीसी को यह अधिकार है कि वह वार्षिक 4 प्रतिशत की मुद्रास्फीति को अधिकतम 6 प्रतिशत और न्यूनतम 2 प्रतिशत के साथ 31 मार्च, 2021 तक मेंटेन करे।
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