इस कछुए को वियतनाम में बहुत पवित्र माना जाता है. माना जा रहा है कि इस प्रजाति के सिर्फ चार कछुए थे जिनमें से एक वियतनाम की झील में मरा हुआ पाया गया और बाकी के दो चीन के चिडियाघर में हैं. यह चौथा और आखिरी कछुआ भी घायल अवस्था में मिला है.
लोगों के मन मे कछुए को बचाने का सवाल इस कदर हावी रहा कि वियतनाम में यह एक राष्ट्रीय प्रतिष्ठा का सवाल बन गया.
पुरानी वियतनामी कहानियों के अनुसार 15वीं सदी में चीन के मिग राजवंश को हराने के लिए ऎसे ही एक कछुए ने किंग ली लोई को एक जादुई तलवार दी थी. तभी यह झील "हो होन कियेम" के नाम से जानी जाने लगी जिसका मतलब है, "जादुई तलवार देने वाली झील". इसके बाद हनोई इसके आस-पास बस गया.
वियतनाम में मान्यता है कि कछुए के दर्शन से लक मिलता है. बताया जा कहा है कि इस कछुए की कुछ तस्वीरों में इसके खोल, गर्दन और पैरों पर घाव नजर आए थे. तभी से इसकी हेल्थ को लेकर पूरे देश में बहस छिड़ गई थी. एक लंबी मशक्कत के बाद आखिरकार इस कछुए को पकड़ ही लिया गया और अब इसे मेडिकल ट्रीटमेंट दिया जा रहा है.
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